रात को बारिश के बाद शहर में शीत लहर का प्रकोप
उदयपुर। नववर्ष की पहली रात शहरवासियों के लिए काफी सर्द रही। वर्ष 2014 को विदाई देने के करीब दस मिनट के अंतराल पर ही बूंदाबांदी शुरू हो गई जो खण्ड वृष्टि के रूप में कहीं धीमी तो कहीं तेज बारिश के रूप में बरसी। शहरवासियों ने नववर्ष का धूमधाम से स्वागत किया। शहर के फील्ड क्लब, राणाजी रेस्टोरेंट, होटल विष्णुप्रिया सहित कई जगह युवा डीजे की धुनों पर देर तक थिरकते रहे।
रात भर में 1.4 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई वहीं सीटीएई कॉलेज के मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार न्यू ईयर की रात शहर का न्यूनतम तापमान 1.4 डिग्री व अधिकतम तापमान 22.5 रिकॉर्ड किया गया। होटलों, रिसॉर्ट में न्यू ईयर सेलिब्रेट करने पहुंचे युवाओं को ठिठुरना पड़ा।
शीत लहर और गलन से जूझ रहे शहरवासियों की मुश्किलें मावठ ने और बढ़ा दी। हिरण मगरी, बडग़ांव, सेंट्रल एरिया, गोवर्धन विलास, भुवाणा सहित कई इलाकों में करीब 15 मिनट तक बरसात हुई। इससे ठिठुरन और बढ़ गई। कोहरे के कारण सुबह 8 बजे तक दृश्यता कम रहने से राहगीरों व वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई। इससे पहले शीतलहर से दिनभर धूजणी छूटती रही। जो घरों में बैठकर ही टीवी के सामने नववर्ष का स्वागत कर रहे थे, वे कम्बल और रजाई में ही दुबके रहे। घरों में भी अलाव जलाकर सर्दी को दूर करने का प्रयास किया गया।
मध्यरात्रि बाद शुरू हुई रिमझिम रह-रहकर थोड़ी थोड़ी देर तक जारी रही।
सुबह लोग उठे तो सूर्यदेव के दर्शन भी नहीं हुए। इससे मौसम में गलन और बढ़ गई। अमूमन 9 बजे खुल जाने वाले बाजार 10 बजे तक बंद ही थे। सारा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। गुरुवार सुबह सूरज नहीं निकलने से लोग देर तक घरों में दुबके रहे। बादलों ने सूरज को अपनी ओट में छुपा रखा है। नववर्ष का पहला दिन बहुत सुस्त निकला। बाजार में फेरी वालों ने तो दुकानें बंद रखने में ही भलाई समझी। बाजार में भी लोगों के नहीं निकलने से खाने-पीने की वस्तुओं को छोडक़र शेष दुकानदारी प्रभावित हुई। रेल व बस यातायात पर कोहरे का प्रभाव भी बना हुआ है। तेज ठंड व बदले मौसम के मिजाज से अस्पताल में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। आमजन को जुकाम, सिर दर्द, खांसी, गला बंद और जकडऩ जैसी बीमारियां घेरने लगी है।
मौसम इसलिए बदला : अरब सागर, बंगाल की खाड़ी से नमी आ रही है। साथ ही पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय है। इस कारण बादल, गरज चमक और हल्की बारिश की स्थिति बनी।