उदयपुर। हार्डवेयर पर कटिंग कर उसे मनचाहा शेप देने वाले रामचरण कुशवाहा देश में ऐसे एक मात्र दस्तकार है जो हार्डवेयर पर कटिंग का कार्य कर रहे है लेकिन इसे बावजूद इस कार्य में इतना लाभ नहीं मिलता है जिससे वे अपनी भावी पीढ़ी को इस क्षेत्र में लाने में रूचि कम ले रहे है।
रूडा (रूरल नॉन फार्म डवलपमेंट एजेंसी) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय दस दिवसीय क्राफ्ट मेला-2015 में भाग लेने मध्यप्रदेश के ग्वालियर से आये रामचरण कुशवाहा इस मेले में बच्चों के लिए हार्डवेयर पर कटिंग कर बच्चों के लिए निर्मित किये गये मिकी माऊस, डोनाल्ड डक, छोटा भीम, छुटकी, राजू, नोविता, सुजिका, बाल हनुमान, बाल गणेश, टॉम एण्ड जेरी, बेन10, गेलू-गोलू जैसी उत्पाद डिजाईनों को बच्चों द्वरा खासा पसन्द किया जा रहा है। इस पर मनचाहा रंग कर उसे आकर्षक बनाया जाता है। ये उत्पाद दशकों तक खराब नहीं हाते है।
कुशवाहा ने बताया कि हस्तकला को मशीनीकरण से संघर्ष करना पड़ रहा है। इस कारण हस्तकला लुप्त होती जा रही है। इसके बावजूद वे अपनी इस पुश्तैनी हस्तकला को बचाये रखने में संघर्षरत है। ये बताते है कि पूरे देश में इनका कोई प्रतिद्धंद्धी नहीं है क्योङ्क्षक इस कार्य में मेहनत अधिक और लाभ कम होने के कारण कोई भी दस्तकार इस क्षेत्र में आना नहीं चाहता है। हस्तकला को बचायें रखने के लिए सरकार को हस्तकरघों के लिए धंधे उपलब्ध कराने चाहिये।
शुरूआत में बचपन से ही लकड़ी के खिलौने बनाने का कार्य करने वाले रामचरण बताते है कि पूव में सरकार दस्तकारों को कुछ सुविधाएं देती थी जो अब बंद हो गयी है कि उन सुविधाओं को पुन: शुरू कर दस्तकारों को लाभन्वित करना चाहिये।