उदयपुर। हाल ही में काया गांव स्थित स्पोर्ट्स हॉल में सम्पन्न हुईं ऑल राजस्थान स्टेट कूड़ो (मार्शल आर्ट ) चेम्पियनशिप- 2015 में कुल पदकों में से एक तिहाई पदक पर छात्राओं एंव प्रौढ़ महिलाओंं द्वारा कब्जा जमाये जाने से आयोजक एंव अतिथि काफी उत्साहित दिखाई दिये।
मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के स्पोर्ट्स बोर्ड के सचिव एंव भारतीय मुक्केबाजी संघ के दीपेन्द्र सिंह चौहान ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि कूडो जैसी मार्शल आर्ट शैली में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से यही संदेश जा रहा है कि महिलाएं अब अपने ऊपर होने वाले हर दुराचार जैसी घटनाओं का मुकाबला करने के लिए तैयार है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस शैली को सीखने के लिए युवा छात्राएं एंव प्रौढ़ महिलाएं भी आगे आयी है।
इस अवसर पर दीपेन्द्र सिंह चौहान, राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता शान्दाय विपाश मेनारिया एंव शेम्पाय हिम्मतसिंह,दीपक शर्मा ने गोल्ड मेडल जीतने वाली छात्राओं उदयपुर की दिशा राजावत,मनस्वी जैन, नंदिनी गुर्जर,राजनन्दनी मेनारिया,प्रियुल मेनारिया, खुशी बम्ब,अक्षिता शेखावत बीकानेर की प्रभाशीन कौर ,स्मृतिका पॉल,प्रियंका सिंह बीकानेर, रितुल मेनारिया,तनिष्का सतावत,महिलाओं में स्वर्ण पदक विजेता,पूनम जोधा उदयपुर,मंजू मेनारिया , सोनिका सेन ने आगे रही। प्रतियोगिता में आश्चर्यजनक बात यह रही कि मंा-बेटे व मां -पुत्रियों ने गोल्ड मेडल जीत कर माताओं ने अपने बच्चों को एक नयी दिशा की राह दिखाई।
गता मे ंआश्चर्य जनक बात यह रही कि मुख्य प्रशिक्षक रेन्शी राजुकमार मेनारिया ने बताया कि स्वर्ण, रजत एंव कास्यं के कुल 83 पदकों में से 22 पदकों पर महिलाओं ने कब्जा जमाया। जहंा पूर्व में महिलाएं इस प्रतियेागिता में आगे आने के लिए कतराती थी वहीं अब इसमें अब इनकी बढ़ती भागदारी से आत्म सुरक्षा को लेकर इनका भविष्य उज्जवल दिखाई दे रहा है।