होलिका रोपने के बावजूद हैं शुभ लग्न
उदयपुर। अमूमन प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा पर होलिका रोपने के बाद से शुभ कार्य वर्जित रहते हैं लेकिन इस बार माघ पूर्णिमा पर तीन फरवरी को होलिका रोपने के बाद भी विवाह लग्न होने पर शहरवासी भी चकित हैं।
ज्योतिषविद् हेमंत मेनारिया के अनुसार सिर्फ मेवाड़ में ही यह परंपरा है कि एक माह पूर्व होली का डांडा रोपा जाता है और कोई भी नया शुभ कार्य नहीं किया जाता। लेकिन इस बार विवाह लग्न होने पर उन्होंने कहा कि वैसे यह सिर्फ होलाष्टक में ही मान्य होता है। यानी होली के आठ दिन पूर्व से सभी शुभ कार्य पूर्णतया वर्जित हो जाते हैं। बाकी होलिका रोपने के बाद भी अगर शुभ मुहूर्त आते हैं तो विवाह लग्न आदि मान्य हैं। उल्लेखनीय है कि इस बार 5 फरवरी से आरंभ होकर 17 फरवरी तक निरंतर विवाह लग्न हैं। शहर की सारी वाटिकाएं बुक हैं।