विश्व मातृ भाषा दिवस पर राजस्थानी मान्यता को लेकर संभागस्तरीय धरना
उदयपुर। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति की युवा इकाई राजस्थानी मोट्यिार परिषद् के उदयपुर संभाग की ओर से शनिवार को विश्व मातृ भाषा दिवस के अवसर पर राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूचि में शामिल करने हेतु जिलाधीश कार्यालय पर धरना दिया गया।
संभाग प्रभारी तनवीर सिंह कृष्णावत ने कहा कि आज राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता या राजस्थान की द्धितीय राजभाषा घोषित करना न केवल हमारे अस्तित्व से जुडा सवाल है बल्कि ये पेट से भी जुडाहै।लगभग सभी प्रांतों में सरकारी नौकरियों के लिए उसी प्रांत के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाती है। जिन्होने 10वीं की परीक्षा उस राज्य की द्धितीय भाषाउर्तीण की है। जैसे पंजाब में नौकरी के लिए पंजाबी, गुजरात में गुजराती, महाराष्ट्र में मराठी, कर्नाटक में कन्नड़ में पास होना आवश्यक है। यह भाषायी बाड इसलिए आयी कि उस प्रांत के लोग उस प्रांत की भौगौलिक आर्थिकसमाजिकसभीप्रकार की परिस्थितियों से पूर्ण रूप से परिचत होते है लेकिन राजस्थान में राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं मिलने के कारण यहां के विद्यार्थीयों इसका लाभ नहीं मिल रहा है। इसके विपरीत अन्य प्रांत विद्यार्थी राजस्थान आकर नौकरी कर रहे है। इस अवसर पर संघर्ष समिति के पुरूषोतमपल्लव, हिम्मतसिंहउज्जवल, कृष्णकांतनाहर, जयंतओझा, ओमप्रकाश राठौड, मनीष मेहता, डॉ’ ओपी महात्मा, विजयसिंह कच्छावा, भानुप्रताप सिंह कृष्णावत, डॉ. संजय शर्मा, डॉ. शिवनारायण व्यास, अर्जुन सिंह चारण, प्रदीपउपाध्याय, जाजी मेघवाल, डॉ. धर्मेन्द्र राजौरा, एसएन चौबीसा, महेन्द्र आमेटा, सुधीर लट्ठा, संजय खण्डेवाल सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
जनप्रतिनिधियों की बेरूखी : संभाग पाटवी घनश्याम सिंह भीण्डर ने बताया कि राजस्थानी भाषा की मान्यता तथा कक्षा एक से 10 वी तक इसका पठन पाठन शुरू करने की मांग रखी गयी। तथा अतिरिक्त जिला कलक्टर को प्रधानमत्री एवं केन्द्रीय गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम 51 सूत्री मांगपत्र सौंपा गया।
ये संगठनों ने दिया सहयोग : संभागस्तरीय धरने में बजरंग सेना मेवाड़, शिवदल, बजरंग दल, फेडरेशन ऑफ एन.जी.ओ. राजस्थान, मेवाड़ गौरव विकास परिषद्, सकल राजपूत महासभा मेवाड़, मेवाड़ क्षत्रिय महासभा, भाजयुमो, बजरंग सेवा, भारतीय जनता मजदूर मोर्चा, यूथ कांग्रेस, शिवसेना मेवाड, वीर मित्र मडल के कार्यकर्ता धरने में शामिल हुए।