उदयपुर। किसान धरती को अपनी मां समझते हैं और खुद भूखा रहकर अपनी हाड़तोड़ मेहनत से देश की जनता का पेट भरते हैं, लेकिन देश के सत्ताधारी विकास के नाम पर धरती मां के सौदागर बन किसानों से जमीन छीनने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे देश का किसान बर्दाश्त नहीं करेगा।
ये विचार माकपा शहर सचिव व पूर्व पार्षद राजेश सिंघवी ने गांव परसाद के 200 किसानों को उपखंड अधिकारी सराड़ा द्वारा एनिकट बनाने के नाम पर उनकी भूमि अवाप्ति का नोटिस मिलने पर कलक्ट्रेट पर आयोजित प्रदर्शन के दौरान हुई सभा में व्यक्त किये। सिंघवी ने कहा कि देश एवं राज्य सरकार विकास के नाम पर कॉर्पोरेट कम्पनियों, ठेकेदारों, दलालों, नेताओं, अधिकारियों की जेबे भरने के लिए षडय़ंत्र कर रही है, जिसे देश की जनता एवं किसान समझ चुके हैं। उन्होंने कहा कि जो पार्टी धरती माता की जय के सबसे ज्यादा नारे लगाती है, वही पार्टी व उसके नेता अपनी माता के सबसे बड़े सौदागर बने हुए हैं।
माकपा जिला सचिव मोहनलाल खोखावत ने कहा कि देश की संसद ने वर्ष 2013 में भूमि अधिग्रहण कानून लागू किया, जिसके अनुसार गांव के 70 प्रतिशत आबादी के भूमि अधिग्रहण करने की स्वीकृति देने पर ही भूमि अधिग्रहण करने का प्रावधान किया गया था, जिसे भाजपा सहित देश के सभी राजनैतिक दलों ने समर्थन दिया था। लेकिन भाजपा ने सत्ता में आते ही किसानों की जमीन छीनने का अध्यादेश जारी कर आज संसद में किसान विरोधी भूमि अधिग्रहण बिल पास कराने का प्रयास कर रही है, जो भाजपा द्वारा चुनाव में किये गये हर वादे की तरह यह वादा भी ’यू‘ टर्न है। सभा के बाद परसाद से आये सैंकड़ों किसानों ने उपजिला कलेक्टर द्वारा उन्हें भूमि अवाप्ति के लिए दिये गये नोटिसों की होली जलाई और यह निर्णय लिया कि अगर सरकार या प्रशासन ने जबरन उनकी भूमि अवाप्त करने का प्रयास किया तो पूरे क्षेत्र के किसान एकजुट होकर इस जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।