किसान मेले में राज्य के कई हिस्सों के किसान ले रहे हे नवीन तकनीक का ज्ञान
उदयपुर। सांसद अर्जुनलाल मीणा ने किसानों को सलाह दी कि वे अपनी भूमि पर रासायनिक खेती न कर जैविक खेती करने और और सरकार की ओर से किसानों के लिए चलाई गई विभिन्न योजनाओं का लाभ लें व औरों को लाभान्वित करें।
वे आज फ्रेण्ड्स एक्जीबिशन एंड प्रमोशंस नई दिल्ली एवं विधा भवन के कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा आयोजित तीन दिवसीय किसान मेले के दूसरे दिन आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की किसान हित की अनेक योजनाओं का भी उल्लेख करते हुए कहा कि जिस तरह रोगी की बीमारी का पता उसके खुन की जांच से पता चलता ठीक वेसे ही सॉल कार्ड योजना के तहत किसान के खेत की मिट्टी की जांच के बाद कृषि विशेषज्ञों द्वारा परामर्श दिया जाता हैं उस भूमि पर कि किस प्रकार के खाद, बीज, उपकरण का उपेयगा कर सव्श्रेष्ठ फल एवं सब्जी उत्पादन किया जा सकें।
उन्होंने कहा कि उदयपुर में फल एवं सब्जी मण्डी तो है ही लेकिन अब मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने जंगली फलों के बेचने के लिए भी अलग से मण्डी बनवाई हैं जिसमे सरकार द्वारा बेहतर दामों पर किसानो से फलों को खरीदा जाता है और साथ ही फल बेचने आने वाले किसानो को पांच रूपये मे भरपेट खाना भी दिया जाता है।
मेले में एसबीआई के रिजनल मेनेजर श्रीनिवासन ने किसानों से कहा कि किसान अन्नदाता है । जब तक किसान उन्नति नही करेगा तब तक ना देश उन्नति कर सकता है ओर ना ही राष्ट्र। श्रीनिवासन ने एसबीआई बैंक की ओर से इस तीन दिवसीय किसान मेले में सहयोग के रूप मे 25 हजार रूपयें का ड्राफ्ट भी सौंपा।
बडग़ांव के सरपंच कैलाष शर्मा ने मेले मे किसानो को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि मे उन्नत बीजो के साथ खाद की जांच एवं नवीन उपकरणो के माध्यम से किसान अपनी फसल को बेहतर उपज के रूप मे विकसित कर सकते है। उन्होने कहा कि इस मेले मे खेती की कई नवीन किस्मो के बारे मे कृषि विषेषज्ञो के द्वारा मौके पर ही उसका उदाहरण देकर समझाया जा रहा है किसानो को चाहीये की वर्षो पुराने खेती करने के तरिके मे बदलाव लाते हुए इन नवीन तकनीको से जुडे।
बडगांव प्रधान खुबीलाल पालीवाल ने मेले मे किसान भाईयो से कहा कि इस मेले मे विषेषज्ञो के द्वारा जो भी जानकारी दी जा रही हे उसे सिर्फ सुने ही नही बल्कि अपनी खेंती के साथ जोडे ओर कम बीघा मे किस तरह ज्यादा से ज्यादा फसल उगा कर लाभ कमाया जाये इस बारे मे भी जानकारी को समझे। उन्होने कहा कि यहा की भौगोलिक स्थिति के अनुसार पहाडी क्षेत्रो मे किस तरह की फसल या सब्जियो की पैदावार की जाये इस बारे मे भी सरकार विचार कर रही है। तीन दिवसीय किसान मेले के दूसरे दिन उप निदेषक कृषि विस्तार रमेष जारोली ने किसानो को जैविक खाद अपनाने के लिए कहा वही इस मेले के समन्वयक वाय.एस. जोधावत ने स्वागत भाषण मे मेले के बारे मे जानकारी दी।
मेले के दौरान विजन राजस्थान एवं केन्द्रिय विज्ञान केन्द्र द्वारा सांसद अर्जुन लाल मीणा को स्मृति चिन्ह प्रदान किया वही सांसद एवं अतिथियों ने मेले मे विभिन्न कृषि यंत्रो, उपकरण, खाद, बीज एवं कृषि सबंधी चीजो की स्ऑल लगाने वालो को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र से जुड़े सफल किसानों की कहानी
रतनलाल जाट: रतनलाल जाट निवासी फलीचड़ा खेड़ी तहसील मावली ने मूंगफली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र द्वारा प्रदर्षित मूंगफली की किस्म जी.जी.-5 एवं जी.जी-7 को अपने आस-पास लगभग 1000 काष्तकारों को प्रत्यक्ष इन किस्मों के बीज को पहुंचाने में अपना योगदान दिया। वर्ष 2013 में रतनलाल को उत्कृष्ट कृषि कार्यो के लिए आत्मा परियोजना के अंतर्गत जिला स्तर पर प्रथम पुरस्कार स्वरूप रुपये 25000 रुपये तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये।
राजेश पालीवाल : गिर्वा तहसील के चंगेड़ी गांव के राजेश पालीवाल ने वर्ष 2009 में 10 पशुओं से के.वी.के. के मार्गदर्शन में डेयरी शुरू की। वर्तमान में आपके पास 64 संकर नस्ल के पशु है एवं 700-750 लीटर दूध प्रतिदिन उत्पादित कर रहे है। ये औसतन प्रतिमाह 70,000 रुपये कमा रहे है। आपकी डेयरी नये पशुपालको के लिये एक मॉडल डेयरी है।