विश्व महिला दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन
उदयपुर। महाराणा प्रताप वरिष्ठ नागरीक संस्थान द्वारा विज्ञान समिति सभागार में विश्व महिला दिवस एवं होली पर्व उल्लास के साथ मनाया गया। विश्व महिला दिवस को लेकर जहां संस्था के पदाधिकारियों ने महिलाओं द्वारा विश्व में अपना एक अलग स्थान बना कर देश का नाम रोशन करने के संदर्भ मे विचार व्यक्त किये तो वहीं होली पर्व को लेकर वरिष्ठजनों द्वारा गीत एवं कविताओं की प्रस्तुतियां दी गईँ।
संस्था महासचिव भंवर सेठ ने कहा कि पुरूष प्रधान यह देश दोहरी मानसिकता में जी रहा है, जहां भी महिलाओं के अधिकारों की माँग उठती है वहां पुरूष त्याग करने को तैयार नही है, केवल शब्दों मे अभिव्यक्ति से अधिकार प्राप्त नहीं होता वहां पुरूषों के द्वारा वास्तविकता मे त्याग की भी नितान्त आवश्यकता है। उन्होने कहा कि महिला अधिकारों के लिए हमें आवाज उठानी होगी ओर इस विभेद को मिटाने के लिए संस्थान को अग्रसर होना होगा। संरक्षक किरणमल सावनसुखा एवं फतहलाल नागौरी ने संस्थान द्वारा वरिष्ठ महिलाओं के लिए किये गये कार्यो की सराहना की। प्रो. बी.एल. वर्मा ने महिलाओं द्वारा विश्व भर मे प्राप्त नोबल पुरस्कारो का उल्लेख किया वहीं सुशीला कच्छारा ने भी महिला दिवस पर अपने विचार व्यक्त किए।
होली पर्व को लेकर हुई गीतो, कविताओं की प्रस्तुति – कार्यक्रम के दौरान होली पर्व को भी मनाते हुए संस्था के पदाधिकारी एवं सदस्यों द्वारा गीत एवं कविताओं की प्रस्तुति दी गई। बसन्ती राव ने होलीयां मे उडे रे गुलाल., गीत की प्रस्तुति से सभी को नाचने -गाने के लिए प्रेरित किया। इकबाल सागर ने होली है जी होली है., संस्थान अध्यक्ष चोसर लाल कच्छारा ने कौन कहता है नारी अबला है.., पुष्पा धाकड़ ने जागों बहिनो जागों नव प्रभात आया है.., सहित संस्था के के.के. त्रिपाठी , चन्द्रशेखर सनाढïय, डॉ. नरेश शर्मा, बसन्तीलाल कूकडा, बलवन्त सिंह ओरडिया, शोभा कुदाल, शांता बारोल आदि ने भी महिला दिवस एवं होली पर्व पर अपनी प्रस्तुतियां दी।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में दिलखुश सेठ एवं नीलू जवेरिया ने संस्था गीत जिन्दगी का ये समन्दर खिलखिलाता ही रहे और प्रताप का ऐसा मंजर झिलमिलाता ही रहे प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन सुशीला कच्छारा ने किया। कार्यक्रम में सभी महिला एवं पुरूष रंग-बिरंगी पोशाक धारण का उपस्थित हुए।