उदयपुर। पदमभूषण पूर्व विदेश सचिव जगत मेहता की प्रथम पुण्य तिथि पर रविवार को पिछोला पर श्रमदान कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम का आयोजन झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति तथा डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के साझे में हुआ।
श्रमदानियों ने डीवीडिंग मशीन द्वारा हटाई खरपतवार को तीरा मगरी टापू पर विसर्जित करने पर आपत्ति जताई। श्रमदान में गन्दगी के साथ साथ होलिका दहन पश्चात फेंके गए डंडो को हटाया गया। श्रमदान में तेज़ शंकर पालीवाल, नंद किशोर शर्मा, राम प्रताप जेठी, रमेशचंद्र राजपूत, रामलाल गहलोत, दीपेश सवर्णकार, अजय सोनी, प्रतापसिंह राठौर, कुलदीपक पालीवाल ने भाग लिया। संवाद में अनिल मेहता ने झील विकास प्राधिकरण की स्थापना में जगत मेहता के प्रयासों को याद किया। तेजशंकर पालीवाल ने कहा कि जगत मेहता अंतिम सांस तक झीलो की हिफाजत के लिए कार्यरत रहे। नंदकिशोर शर्मा ने कहा कि मेहता नागरिकता के पुरोधा थे। वे झील संरक्षण कार्यों में आम नागरिक की सशक्त भूमिका के समर्थक थे।