उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के तत्वावधान और पेसिफिक यूनिवर्सिटी के प्रायोजन में चल रहे सार्क देशों के विश्वविद्यालयों के फेस्टिवल के तीसरे दिन सोमवार को विविध साहित्यिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही।
सोफेस्ट के रंग सभी के सिर पर चढ़ कर बोल रहा हैं। दक्षिण एशियाई देशों के विश्वविद्यालयों के पांच दिवसीय सॉफेस्ट का तीसरा दिन फैशन शो के नाम रहा। इसमें प्रतिभागियों ने अपने अपने देशों के पारम्परिक परिधानों और संस्कृतियों को रैम्प पर प्रदर्शित करके दर्शकों का मन मोह लिया।
सोमवार की शुरुआत सुबह 10 बजे फेस पेटिंग प्रतियोगिता पेसिफिक यूनिवर्सिटी में आयोजित की गयी। भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ ही सार्क देशों के विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों ने चेहरों पर विभिन्न थीम के तहत शानदार पेटिंग्स बनाई। किसी ने चेहरे पर क्रिकेट वर्ल्ड कप के रंग उकेरे तो किसी के चेहरे पर प्रकृति की खूबसूरती फैली हुई थी।
कुछ विद्यार्थियों ने पर्यावरण की रक्षा का संदेश भी फेस पेटिंग के माध्यम से दिया। फेस पेटिंग प्रतियोगिता के संयोजक भावना कावड़िया थे। निर्णायक मंयक शर्मा और मनोहर लाल जाट थे तथा विशिष्ट अतिथि डॉ जय कालिया और डॉ. टीपी आमेटा थे। पेसिफिक विश्वविद्यालय के विश्वेश्वरैया हॉल में इंटरनेशनल सिम्पोजियम का आयोजन किया गया। रोल ऑफ इन्टरप्रिन्योरशिप एंड स्किल डवलपमेंट अमंग यूथ ऑफ साउथ एशिया विषय पर हुए इस सेमीनार में भारत के साथ भूटान, बांगलादेश और अफगानिस्तान के विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रो. करुणेश सक्सेना के संयोजन में आयोजित सेमीनार में आईआईएम कोझीकोड के फाउंडर डायरेक्टर विनयशील गौतम, ईएससीएस के सीईओ एनके महापात्रा, फ्यूजन आउटसोर्सिंग के एमडी दिनकर दुबे, जेके सीमेन्ट से आरपी सिंह तथा तेजपुर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के डॉ. बाला ने विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। प्रतिभागियों को प्रेरणादायी वीडियो फिल्म भी दिखाई गई। यहां दिन में भाषण कला प्रतियोगिता आयोजित की गयी, जिसका विषय “मेरी आकांक्षाएं” था। प्रतियोगिता में भारत, बांगलादेश और भूटान के आधा दर्जन से ज्यादा विद्यार्थियों ने विचार व्यक्त किए। प्रतिभागियों में से ज्यादातर विद्यार्थियों ने एकता और भाईचारे को और मजबूत बनाने पर जोर दिया साथ ही मिलजुल कर साथ आगे बढने की सार्थकता भी तर्कों से साबित की। कार्यक्रम के निर्णायक डॉ. शारदा भट्ट और डॉ. अपर्णा थे व संयोजक निधि नलवाया और डॉ. सुभाष शर्मा थे। दोपहर में पेसिफिक यूनिवर्सिटी के पीएचडी विभाग के सेमीनार हॉल में विरासत एवं संस्कृति विषय पर प्रश्नोत्तरी हुई। प्रतियोगिता में विभिन्न देशों की छह टीमों के प्रतिभागियों से विरासत, परम्पराओं, संस्कृति, लोक-कलाओं, जनजीवन पर तीन राउण्ड में प्रश्न पूछे गये। प्रतियोगिता के निर्णायक मीना गौड़ और डॉ. प्रतिभा थे।
शाम को आयोजित एकाभिनय में जहां बांगलादेश के प्रतिभागियों ने बेहतरीन प्रस्तुति दी वहीं एकल लोकगीत में बांगलादेष, भूटान, श्रीलंका तथा भारत के विश्वविद्यालयों ने अपने लोकगीतों से दर्षको को झूमने पर मजबूर कर दिया। इधर मिमिक्री प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने समसामयिक मुद्दों पर व्यंग्य और हास्य के जरिए गुदगुदाया। डॉ. कृति जैन व डा प्रगति के संयोजन में आयोजित फैशन शो में 27 प्रतिभागियों ने अपने अपने देशों के पारम्परिक परिधानों और संस्कृतियों को प्रदर्षित करके समां बांध दिया।
मंगलवार को सभी प्रतिभागी झीलों की नगरी के विभिन्न पर्यटक स्थलों का अवलोकन करेंगे, दोपहर का भोजन दूधतलाई स्थित दीनदयाल उद्यान में लेने के बाद शाम को हल्दीघाटी जाएंगे और उसके बाद श्रीनाथ जी के दर्षन करेंगे। शाम को नाथद्वारा में ही प्रतिभागियों के लिए लोकसंगीत संध्या का आयोजन होगा।