उदयपुर। गुरू मां गणिनी आर्यिका सुप्रकाशमति माताजी ने कहा कि परमात्मा् रूपी मोक्ष प्राप्त करने के की मंजिल को पाने के प्रथम सीढ़ी स्वास्थ्य, दूसरी स्वच्छता एंव तीसरी शिक्षा है। इन तीनों को अपनाना जीवन को मोक्ष की ओर से ले जाना है।
वे आज हिरणमगरी से. 5 स्थित अंबामाता पार्क में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि यदि इस भवसागर से छुटाकरा पाना है,आत्मा को परमात्मा बनाना, तथा मोक्ष की प्राप्ति करनी है तो मानव जीवन में जन्म ले कर ही यह संभव है। मानव जीवन का हम सदुपयोग करें। संस्कारित जीवन जीएं,श्रावक के सभी सिद्धान्तों का पालन करें। घर, मंदिर, जिनालय की भंाति मन,तन एवं विचार भी शुद्ध रखने चाहिये। माता-पिता बच्चों से बड़ी-बड़ी अपेक्षा रखते है जिनकी प्राप्ति के अभाव में वे अपना वजूद खोते जा रहे है। यदि घर में लक्ष्मी का निवास चाहते हो तो घर में स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं सुशिक्षा का होना बहुत जरूरी है।
अखिल भारतीय सुप्रकाश ज्योति मंच के राष्ट्रीय संयोजक ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि सभी सदस्य संस्कार यात्रा में प्रात: 7 बजे आयड़ स्थित श्री चन्द्रप्रभु जैन मन्दिर के लिए रवाना होंगे।