नीमच माता की ज्योत से नव सम्वत्सर महोत्सव का आगाज
3331 मीटर बड़ी व पौन इंच छोटी पगड़ी का हुआ प्रदर्शन
उदयपुर। नव सम्वत्सर महोत्सव का आगाज फतहसागर की पाल पर गुरुवार शाम नीमज माता की ज्योत से हुआ। इस अवसर पर मेवाड़ के चुनिंदा समूह ने अपने नृत्य की प्रस्तुति दी।
फतहसागर की पाल पर विभिन्न समूहों गोरबंध समूह, गवरी समूह, घूमर, मंद बुद्वि विधालय द्वारा, पणिहारी ग्रुप, गेर ग्रुप, चंग ग्रुप, मोरबंध ग्रुप, खरताल, बीन, शहनाई समूह द्वारा लोक नृत्य, शास्त्रीय व देशभक्ति आधारित नृत्य की प्रस्तुति दी गई। रोटरी क्लब ऑफ उदयपुर द्वारा अठारह हजार तक के पुरस्कार दिये गये। निर्णायक गण में दीपक दीक्षित व दिनेश बंसल थे।
पगड़ी बांधे बच्चों को सम्मान : डॉ. प्रदीप कुमावत ने कहा कि 12 वर्ष से कम आयु के बालक-बालिकाओं के लिये पगड़ी सजाओ का आयोजन किया गया। सभी बालकों को प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। भारत विकास परिषद् मेवाड़ एवं विवेकानन्द ने सहयोग प्रदान किया।
राष्ट्रत को नमन वन्दे मातरम् का गायन किया गया जिससे फतहसागर वंदे मातरम् की गूंज से गुंजायमान हो गया।
सम्मान पाकर हर्षाए ऑटो चालक : चयनित ऐसे ऑटो चालकों का सम्मान किया गया जिन्होंने सड़क के नियमों की पालना करते हुये समय -समय पर समाज में अपने योगदान से एक नई मिसाल कायम की है। इनमें लक्ष्मीचंद डोडेचा, मोहम्मद, कान सिंह चुण्डावत, मंजु खत्री, भगवत सिंह चौहान, प्रवेष कुमार अरोड़ा, चन्द्रवीर सिंह भटनागर, मनोहर सिंह चौहान, पुरूषोत्तेम राव, अयूब खान, मोहम्मद असलम खान, परसराम आचार्य एवं विरेन्द्र सालवी शामिल थे। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत अभियान, नषा मुक्त, पेड़ लगाओ, पानी बचाओ, बिजली बचाओ पर हस्ताक्षर करवाकर शपथ पत्र भरवाये गये। साथ ही पगड़ी बांधने वाले दौलत सेन को भी सम्मानित किया गया।
अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति के राष्ट्रीथय सचिव डॉ. प्रदीप कुमावत ने बताया कि दूसरे दिन ‘ज्योति कलश संस्कृति चेतना यात्रा’ मुख्य आकर्षण होगी। इस बार भी तीन अलग-अलग स्थानों से ज्योति कलश संस्कृति चेतना यात्रा निकलेगी। डॉ. कुमावत ने बताया कि ज्योति कलश संस्कृति चेतना यात्रा तीन स्थानों प्रथम यात्रा नाथद्वारा से गणगौर घाट, दूसरी यात्रा बेजनाथ महोदव सीसारमा से गणगौर घाट तथा तीसरी यात्रा बोहरा गणेश जी से गणगौर घाट निकलेगी। तीनों यात्राओं में क्रमश: रामदरबार, गणपति व शिवलिंग विधि विधान से चल प्रतिष्ठा की जायेगी। इन तीनों यात्राओं का महासंगम हाथीपोल पर सायं 6.30 बजे होगा। हाथीपोल से यह तीनों यात्रा त्रिवेणी संगम के रूप में गणगौर घाट के लिये प्रस्थान करेगी।
विदा होगा सम्वत् 2071 : शाम 7 बजे पिछोला झील किनारे राजघाट (गणगौर घाट) पर आज विदा 2071 का विशेष आयोजन होगा जहां रंगारंग कार्यक्रमों के साथ भव्य आतिशबाजी, दीपदान, गंगा आरती व वरूण पूजन किया जाएगा। नावों में दीप प्रवाह के साथ-साथ ज्योति कलश संस्कृति चेतना यात्रा का वहां पहुंचने पर जगदीश चौक पर धूम-धड़ाके के साथ स्वागत करके उसे एक पारम्परिक ढंग से गणगौर घाट पर लाकर उसी पवित्र ज्योति से दीप प्रज्जवलित कर दीप प्रवाहित किये जाएंगे।