उदयपुर। गुरु मां सुप्रकाशमति माताजी ने कहा कि प्रत्येक मानव धरती पर जन्म लेता है ओर उसे जन्म लेने के बाद मानवीय जीवन व्यतीत करने के लिए उसे मानव जीवन को गूढ़ता से समझना होगा।
वे आज अशोकनगर स्थित स्थानक में आयोजित धर्मसभा को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि धर्म को समझने के लिए जीवन विज्ञान, धर्म विज्ञान एवं शरीर विज्ञान को समझना होगा। धर्म विज्ञान को समझने से आत्मा परमात्मा बनती है, शरीर विज्ञान को समझने शरीर स्वस्थ होता है तथा जीवन विज्ञान को समझने से जीवन सरल, सुख, शान्ति एवं सन्तोष भरा होता है। इन तीनों विज्ञान को समझने वाले का जीवन आनन्दमय होता है।
उन्होंने कहा कि विज्ञान के अनुसार यदि व्यक्ति को जीवन भर स्वस्थ रहना है तो 40 वर्ष की उम्र के बाद गरिष्ट भोजन के साथ-साथ आलू, प्याज आदि के सवन से परहेज करना चाहिये। व्यक्ति को निरोगी रहने के लिए समय पर सोना तथा समय पर भोजन करना चाहिये।