सीटीएई में टेक फेस्ट -2015 का समापन
उदयपुर। प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय में पांच दिन से सांस्कृतिक समारोह, ’टेक फेस्ट -2015’ के अन्तर्गत एकल गायन, समूह गायन, पश्चिमी एवं पारम्परिक एकल नृत्य, समूह नृत्य एवं फैशन शो के आयोजन के साथ सुखाड़िया विश्वविद्यालय सभागार में हुआ।
अध्यक्षता करते हुए प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. बीपी नंदवाना ने छात्रों की सह-शैक्षणिक गतिविधियों की सराहना की। डॉ. नंदवाना ने सम्पूर्ण व्यक्तित्व निर्माण में गतिविधियों की महत्ता बताते हुए छात्रों से अधिकाधिक संख्या में भाग लेने का आव्हान किया एवं अपनी शिक्षा को देश की आम जनता के हित में लगाने की प्रेरणा दी। डॉ. बीपी नंदवाना ने कहा कि महाविद्यालय में बिताया गया समय किसी भी व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन का अमूल्य समय होता है। महाविद्यालय में एक विद्यार्थी अनेक प्रकार के अनुभवों से गुजरता है। टेक फेस्ट में होने वाली विभिन्न प्रकार की गतिविधियों की आवश्यकता एवं उपादेयता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इसमें अभियांत्रिकी छात्रों का एक अलग ही रूप सामने आता है जिसमें वे अपनी ऊर्जा को सकारात्मक रूप में व्यक्त कर सकते हैं । इन गतिविधियों के माध्यम से वे समूह में कार्य करने एवं नेतृत्व करने के साथ साथ आत्मविश्वास से भी परिपूर्ण हो जाते हैं। सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से न केवल वे अपनी संस्कृति से परिचित होते हैं अपितु कक्षाओं से बाहर आकर अपनी दक्षता को प्रदर्शित कर सकते हैं।
झूमा अभियांत्रिकी छात्र समुदाय
पारम्परिक एकल नृत्य में ’मेरे ढोलना, मधुवन में राधिका नाची रे,’ होठों पे ऐसी बात दबा के चली आई। पारम्परिक एवं पश्चिमी वेशभूषा से सजे छात्र-छात्राओं ने एकल नृत्य प्रस्तुत कर अत्यधिक मनोरंजन का समा बांध दिया। एकल नृत्य में प्रतिभागियों ने मै तेनू समझावा नू, दिलवालो के दिल का करार लुटने, इन आखों की मस्ती के दिवाने हजारो है, एक गर्म चाय की प्याली हो आदि की नृत्य नाटिकाओं द्वारा जीवन की आशा-निराशा, उतार-चढ़ाव को प्रदर्शित करते हुए उम्मीद का दामन ना छोड़ने का संदेश दिया और छात्र समुदाय को झूमने पर विवश कर दिया। विभिन्न प्रतिभागियों को छात्र समुदाय की तालियों और हुटिंग से सराहना मिली।
समूह नृत्य में विभिन्न प्रदेशों के लोकनृत्य, पारम्परिक नृत्य एवं फिल्मी नृत्यों का प्रदर्शन कर प्रतिभागियों ने दर्शक दीर्घा में बैठे दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। सामाजिक प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए समूह नृत्य नाटिकाओं खाप पंचायतो पर कटाक्ष किया एवमं कालेज की मस्ती को दर्शाते हुए थ्री इडीयट की फिल्म की पुरी कहानी का चित्रण किया। राजस्थानी, पंजाबी एवमं कथक नृत्य के सगंम को देश की एकता से जोड़ते हुऐ दिल ये बेचैन रे, होली के रगं, बाजेे रे बाजे ढोल, मां तुझे सलाम आदि को समूह नृत्य नाटिकाओं से प्रदर्शित किया तो छात्र समुदाय ने तालियों की गड़गड़ाहट से सभागार को गुंजायमान कर दिया।
कार्यक्रम में डा. मुरतजा अली सलोदा, सहायक अधिष्ठाता (छात्र कल्याण) एवं सीएलएसयू के सलाहकार डा. त्रिलोक गुप्ता ने जानकारी दी कि बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं के एकल गायन, समूह गायन, एकल नृत्य, समूह नृत्य आदि में भाग लेने के कारण पूर्व में ही स्क्रीन टेस्ट लेकर मेघावी छात्रों का चयन विभिन्न टीमों में किया गया।
एकल गायन में प्रतिभागियों ने विभिन्न पुराने फिल्मी, दमादम मस्त कलन्दर, मुस्कराने की वजह तुम हो, क्या हुआ तेरा वादा, एक हसीना थी, होठो से छूलो तुम, तेरे नाम से जी लूं, तेरे नाम से मर जाउ आदि गीतों का गायन कर सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। युगल गायन में ’अल्लाह के बन्दे , तेरे जैसा यार कहां, चुराके दिल मेरा’ जैसे अक्षय कुमार, अमिताभ बच्चन के गानों पर अपनी प्रस्तुतियॉ देते हुए प्रतिभागियों ने समा बांध दिया। समूह गायन में प्रतिभागियों ने ’केसरिया बालम आवों नी पधारों मारे देश’, ’संदेशे आते हैं’, होलीया में उड़े रे गुलाल’ आदि विभिन्न आंचलिक, देशभक्ति एवं पारम्परिक गीतों का गायन किया व 1200 से अधिक दर्शकों ने तालियों की बौछार कर सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम के अन्त में सीएलएसयू के सलाहकार डॉ. त्रिलोक गुप्ता एवं सहायक अधिष्ठाता (छात्र कल्याण) डा. मुर्तजा अली सलोदा एवं सीटीएई के छात्रसंघ अध्यक्ष प्रवीण साहू ने सभी कमेटी प्रभारियों, उनके सदस्यों सभी कार्यकर्ताओं एवं सम्पूर्ण छात्र समुदाय का कार्यक्रम के सफलता पूर्वक समापन हेतु आभार व्यक्त किया।