फतहसागर संगीतमय नमस्कार महामंत्र के जाप तथा झील के बीच नाव में महाआरती
उदयपुर। जैसे ही ढलती सांझ के धुंधलके में एक साथ सैकड़ों दीप प्रज्वलित हुए और फतहसागर के बीचों बीच नाव में जब 1008 दीपकों की आरती शुरू हुई मानों गंगाआरती का सा दृष्य साकार हो उठा। पार्ष्व में नमस्कार महामंत्र का जाप चल रहा था।
मौका था श्रमण भगवान महावीर स्वामी के 2614 वें जन्म कल्याणक महोत्सव के तहत महावीर जैन परिषद के निर्देषन में जैन जागृति सेंटर की ओर से सोमवार को शहर की सुख-शांति, अमन चैन के लिए फतहसागर के बीच नाव में बैठकर आरती का। फतहसागर झील की हवाओं से उफनती लहरों के साथ जब शाम ठीक 7 बजे महाआरती शुरू हुई तो गंगा किनारे आरती का दृष्य साकार हो उठा। फतहसागर की पाल पर सकल जैन समाज के लोग हाथों में दीपक लेकर आरती कर रहे थे और झील के बीचों बीच नाव में अतिथियों सहित महिलाएं महाआरती कर रहे थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाज भूषण किरणमल सावनसुखा थे वहीं अध्यक्षता महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने की।
परिषद संयोजक राजकुमार फत्तावत ने बताया कि आरंभ में श्री महावीर युवा मंच संस्थान महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष विजयलक्ष्मी गलुण्डिया ने संगीतमय नवकार महामंत्र का जाप कराया। कार्यक्रम में प्रभा बहू मंडल, सेक्टर 11 की महिलाओं ने नमो-नमो… नवकार मंत्र है प्यारा… आकर्षक नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जिस पर श्रोताओं ने काफी देर तक तालियां बजाकर सराहना की। इसके बाद कुंथु जागृति महिला मंडल की ओर से भी आकर्षक नृत्य प्रस्तुति दी गई। दोनों मंडलों की प्रतिभागियों को समाज भूषण किरणमल सावनसुखा ने स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।
दोनों प्रस्तुतियों के बाद अतिथि महापौर श्री कोठारी एवं श्री सावनसुखा सहित समाज की महिलाएं ड्रेस कोड में दो अलग अलग नावों में झील के मध्य पहुंचकर आरती की। इसी दौरान पाल पर खड़े समाज के लोगों ने भी हाथ में दीए लेकर आरती में समवेत स्वर मिलाए। इससे पूर्व सेंटर अध्यक्ष महेन्द्र तलेसरा, मनीष गलुण्डिया, राजेन्द्र जैन, कुलदीप नाहर आदि ने अतिथियों का मेवाड़ी पगड़ी व माल्यार्पण कर अभिनंदन किया। इस दौरान अम्बामाता थाना के वृत्त निरीक्षक जितेन्द्र आंचलिया का भी मेवाड़ी पगड़ी पहना माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। परिषद के संयोजक राजकुमार फत्तावत ने अतिथियों व आगंतुकों का स्वागत किया। संचालन विजयलक्ष्मी गलुण्डिया ने किया।
आज निगम में नाटिका मंचन: परिषद की महिला शाखा की ओर से 31 मार्च को शाम 8 बजे उदयपुर के विभिन्न महिला जैन संगठनों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।