सस्ती दर पर अनाज एवं राशन सामग्री देने की मांग को लेकर प्रदर्शन
उदयपुर। मोदी अच्छे दिन लाने के नारे पर भाजपा को वोट देकर केन्द्र व राज्य की सत्ता सौंपी लेकिन इन सरकारों ने सत्ता में आने के बाद पूंजीपतियों को लाभ देने की नीतियां एवं कानून बना कर देश की जनता को मिल रही थोड़ी बहुत राहत में भी कटौती कर रही है, लेकिन तानाशाह सरकारों को यह याद रखना चाहिये कि गरीब के पेट की आग जब उसके दिमाग पर चढती है तो सरकारों के सिंहासन डोलने लगते हैं।
ये विचार वरिष्ठ माकपा नेता बीएल सिंघवी ने सभी गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों को सस्ती दर पर अनाज एवं राशन सामग्री देने की मांग को लेकर जिला कलेक्ट्री के सामने आयोजित प्रदर्शन के दौरान हुई सभा में व्यक्त किये। सिंघवी ने कहा कि भरे गौदाम, भूखी जनता, नहीं चलेगा, नहीं चलेगा नारे को जन जन तक पहुंचा आने वाले समय में जनता को भरे गौदामों की तरफ कूच करने का आंदोलन चलाया जाएगा।
सभा को सम्बोधित करते हुए माकपा जिला सचिव मोहनलाल खोखावत ने कहा कि हमारे देश में वर्ष 1992 में नई आर्थिक नीतियां लागू होने से पहले देश के हर परिवार को बिना किसी भेदभाव के सस्ती दर पर राशन सामग्री मिलती थी, लेकिन नई आर्थिक नीतियां लागू होने के बाद उसे बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि दो वर्ष पूर्व राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत उदयपुर शहर में गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों का खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत चयन करके उन्हें सस्ती दर पर राशन सामग्री देने के लिए योग्य पाया गया, लेकिन राज्य सरकार ने माह फरवरी 2015 में एक आदेश जारी कर गरीबों को विभिन्न श्रेणियों में बांट कर गरीब एवं जरूरतमंद जनता को इस योजना के लाभ से वंचित कर दिया है, जिससे आम जनता में भारी रोष व्याप्त है।