1000 आंगनवाड़ियों में लाया जाएगा आधारभूत बदलाव
उदयपुर। संभाग के चार जिलों उदयपुर, चित्तौसड़गढ़, भीलवाड़ा, राजसमंद एवं अजमेर में राज्य सरकार की करीब 3056 आंगनवाडि़यों की सार-संभाल अब वेदांता हिन्दुस्तान जिंक एवं वेदांता फाउण्डेशन करेगा। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग और हिन्दुस्तान जिंक व वेदांता फाउण्डेशन के बीच जयपुर में एक एमओयू हुआ।
हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के हेड कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन पवन कौशिक ने बताया कि यह एमओयू पांच साल के लिए हुआ है। इन केन्द्रों में 3 से 6 वर्ष की आयु के 90,000 से अधिक वंचित बच्चों का समग्र विकास किया जाएगा जिसमें पोषाहार, शिक्षा एवं स्वास्थ्य शामिल है।
इन आंगनवाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए वेदान्ता फाउण्डेषन एवं हिन्दुस्तान जिंक मिलकर कार्य करेगा। 1000 आंगनवाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों के रूप में परिवरतित किया जाएगा। यह परियोजना पांच वर्ष तक चलेगी जिसके तहत् प्रत्येक वर्ष 200 आंगनवाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनवाड़ी बनाया जाएगा। इन चुने हुए सभी आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों का हिन्दुस्तान जिंक एवं वेदान्ता फाउण्डेशन भवनों का नवीनीकरण एवं मरम्मत, बच्चों के लिए आधुनिक शौचालयों का निर्माण, दीवारों पर चित्रकारी, स्वच्छ एवं साफ पानी, दरी-पटिट्यां एवं नामांकित सभी बच्चों को यूनिफार्म उपलब्ध कराएगा।
हिन्दुस्तान जिंक एवं वेदान्ता फाउण्डेशन इन आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को पीने के लिए साफ पानी, नये बर्तन एवं धुआं रहित किचन के लिए चूल्हा उपलब्ध कराएगा। बच्चों को पौष्टिक आहार के रूप में पोहा, मूंगफली दाने सुबह के नाश्ते में गर्म पोषाहार के रूप में दिये जाएंगे।
कौशिक ने बताया कि ‘हमारा ध्यान इन ग्रामीण बच्चों के सम्पूर्ण विकास एवं उन्नति पर रहेगा। कंपनी बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए नाट्य विधि से विचार-विमर्ष तथा रंग-बिरंगी पुस्तकें एवं चार्टस, खिल्लौने एवं प्राइमेरी स्कूल की शैक्षणिक सामग्री भी उपलब्ध कराएगी। हिन्दुस्तान जिंक इन आंगनवाड़ी केन्द्रों के कार्यकर्ताओं को प्री-स्कूल में बच्चों को शिष्टाचार सिखाने एवं समझाने तथा अच्छी आदतों के लिए विशेष प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराएगा।’
वेदान्ता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने यह लक्ष्य निर्धारित किया है कि देश में कोई भी बच्चा कुपोषित ना रहे। वेदान्ता इसी लक्ष्य का अनुसरण करते हुए वर्ष 2008 से लगभग 14000 आंगनवाड़ी केन्द्रों से जुड़कर भारत में 500,000 से अधिक वंचित बच्चों को लाभान्वित कर चुका है।
विश्वर स्वास्थ संगठन के अनुसार सभी आंगनवाड़ियों पर स्वास्थ व स्वच्छता की सुविधा होनी चाहिए। एमओयू के अनुसार इन बातों पर अमल किया जाएगा। बाल कल्याण के क्षेत्र में जन जागरण को जागृत करने के लिए वेदान्ता ने ‘‘खुशी’’ अभियान की भी शुरूआत की है। इस अभियान द्वारा आम जन्ता को प्रेरित किया जाता है कि वह वंचित बच्चों के विकास, सुपोषण एवं षिक्षा के लिए स्वयं कदम उठाएं। इस अभियान से अब तक 45,000 से अधिक लोग फेषबुक पर जुड़ चुके हैं। ‘खुषी’ के भारत में अपने 75 बाल केन्द्र भी हैं।
एमओयू पर राजस्थान सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से त्रिभुवन पति, अतिरिक्त निदेशक (महिला एवं बाल विकास विभाग) तथा हिन्दुस्तान जिंक की ओर से हेड-कार्पोरेट रिलेशंस, सीएसआर मेहता ने हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल तथा विभाग की एसीएस डॉ. गुरजोत कौर मौजूद थीं।