मार्ग में हुआ भव्य स्वागत, जगह-जगह प्रभावना वितरित
उदयपुर। सुबह जब शास्त्री सर्किल पर चारों संतों का मिलन हुआ तो हर्षातिरेक से वहां मौजूद श्रद्धालुओं की आंखें भर आई। मौका था पायड़ा स्थित पद्मप्रभु जैन मंदिर में होने वाले पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए रवानगी से पूर्व का।
प्रचार प्रसार संयोजक संजय गुडलिया ने बताया कि दीक्षा के बाद पहली बार आचार्य श्री अनेकांत सागर के आगमन पर श्रद्धालुओं में काफी हर्ष है। आचार्य श्री ने ससंघ सहित 7.30 बजे हुमड़ भवन से विहार किया। शोभायात्रा में केसरिया साड़ी में सज-धजकर महिलाएं एवं श्वेत परिधानों में पुरुष शामिल हुए। वे गाजे-बाजे के साथ शास्त्री सर्किल पहुंचे, जहंा आचार्य अनेकान्त सागर एवं संघ, मुनि धैर्य सागर, मुनि प्रबल सागर एवं आर्यिका रत्न सुभुषणमति माताजी का शास्त्री सर्कल पर भव्य आध्यात्मिक मिलन हुआ। यह देखकर श्रद्धालुओं की आंखें भर आईं।
श्री पदमप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर पंचकल्याणक महोत्सव समिति के अध्यक्ष प्रकाश अदवासिया ने बताया कि शास्त्री सर्किल से शोभायात्रा आरंभ हुई। शोभायात्रा में महिला-पुरुष नाचते-गाते चल रहे थे। वहां से अशोक नगर स्थित जैन मंदिर पहुंचे जहां दर्शन कर रवाना हुए। वहां से आयड स्थित चन्द्रप्रभु जैन मंदिर में दर्षन किए और फिर वहां से यूनिवर्सिटी रोड स्थित श्री पदमप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर में मंगल प्रवेश हुआ।
पंचकल्याणक समिति के महामंत्री अनिल सकरावत ने बताया कि मंदिर से आचार्य सांवलिया गार्डन पहुंचे, जहां धर्मसभा का आयोजन हुआ। मुख्य वक्ता के रूप में बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय के प्रो. नलिन शास्त्री ने शिरकत की। उन्होंने बताया कि आगामी 19 से 26 अप्रैल तक यूनिवरसिटी रोड़ स्थित श्री पदमप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर पायडा में भव्य पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव चारों संघों के सानिध्य में होगा। महोत्सव के मुख्य संयोजक रमेश चन्द्र चिबोडिया ने बताया कि पूरे मार्ग में जगह-जगह श्रावकों द्वारा प्रभावना वितरण की गई एवं जगह-जगह स्वागत द्वार लगाये गए।