गिर्वा, बड़गांव तथा नगर के सैकड़ों शिक्षकों ने लिया हिस्सा
उदयपुर। राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) की प्रदेश कार्यकारिणी के निर्देशानुसार अगले सत्र से सीबीएसई पैटर्न का हवाला देते हुए माननीय शिक्षा राज्यमंत्री के निर्देश पर विद्यालयों का समय बढ़ाने, जिला परिषद द्वारा 2012 से नियुक्त अध्यापकों का परिवीक्षाकाल पूर्ण होने पर स्थायी नहीं करने के विरोध तथा अन्य मांगों को लेकर कलक्ट्रेट के समक्ष जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन कर शिक्षा मंत्री के नाम पर उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
उपशाखा के अध्यक्ष अशफाक कुरैशी, दिनेश कच्छी, चन्दनमल बागडी, अनिलराजसिह, श्यामलाल व्यास, नरेश नागदा ने संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर बताया कि राजस्थान की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए केवल वातानुकूलित कमरे में बैठकर ऐसे निर्णय लेना न्यायोचित नहीं है। इन्होने बताया कि समय बढाने का विचार अच्छा है लेकिन केन्द्रीय विद्यालय बडे शहरो में स्थित है जहां बच्चे आसानी से स्कूल पहुंच जाते है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी भीषण गर्मी व सर्दी में नंगे पैर चलकर दो-तीन किलोमीटर दूर विद्यालय आते है उन विद्यार्थियो के लिए समय बढाना अत्यन्त कष्टदायक होगा। इन्होनंे बताया कि राजस्थान के माननीय शिक्षामंत्री महोदय एक तरफ तो गुणवत्ता युक्त शिक्षा की बात करते है तो दूसरी ओर कई विद्यालयो में भवन नही है, कई विद्यालय तो एकल शिक्षक के भरोसे चल रहे है। वि़द्यालयो में पानी, शौचालय की व्यवस्था भी नही है पहले उन भौतिक संसाधनो की पूर्ति की जाये जिनकी महत्ती की आवश्यकता है।
शिक्षकों ने मांग की कि वाणिज्य, गृहविज्ञान, कलाशिक्षा, शारीरिक शिक्षकों की पदोन्नति की जावे। वरिष्ठ अध्यापक महिला पुरूष की संयुक्त वरिष्ठता सूची बनाई जाये। प्रतिबंधित जिलो के शिक्षको को गृहजिले में स्थानान्तरित किया जाये, माध्यमिक प्रधानाध्यापक को पदावनत नही किया जाये।
जिला संयोजक बसन्तीलाल श्रीमाली तथा सह संयोजक भेरूलाल तेली ने बताया कि 27 अप्रेल को जिले के सभी उपशाखाओं के शिक्षकों का विशाल धरना व प्रदर्शन होगा। इन्होने कहा कि समय रहते यदि सरकार ने उचित निर्णय नही लिये तो आन्देालन को तीव्र किया जायेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शिक्षामत्री व प्रमुश शासन सचिव की होगी।
इस अवसर पर इन उपशाखाओं के महेन्द्र शर्मा, दिनेश विश्वकर्मा, पारस मेहता, अशोक कुमार, मांगीलाल सुथार, गोपाल राव उपस्थित थे। इस अवसर पर आयेाजित सभा को पुरूषोतम दवे, यशोदा दशोरा, सुन्दरलाल जैन, चन्द्रप्रकाश मेहता, राजकुमार लौहार, श्रीमती बद्री मेघवाल, उमा रांका, सुषमा दशोरा, शाहेदा परवीन काजी, करणसिह झाला, माणक चौबीसा आदि ने भी सम्बोधित किया।