नंद चतुर्वेदी का 92 वें जन्मदिन समारोह
उदयपुर । प्रख्यात कवि नंद चतुर्वेदी के 92 वें जन्मदिवस के अवसर पर उनकी पुस्तक ‘जो बचा रहा’ का लोकार्पण हुआ. पिछले वर्ष 25 दिसंबर को उनका निधन हो गया था. लोकार्पण के मौके पर ‘नंद चतुर्वेदी का काव्य संसार’ विषय पर आयोजित परिसंवाद में जाने माने समीक्षक नवल किशोर शर्मा ने नंद चतुर्वेदी की कविताओं को समय की चुनौतियों को समझने की कविता बताया।
सामंतवाद के खिलाफ उनकी कालजयी कविता ‘किला’ का जिक्र करते हुए कहा कि जौहर जैसी सामंती प्रथा के संदर्भ में लिखी उनका लेखन, समाज के सामने कई प्रश्नचिन्ह पैदा करता है. उनकी कविता सवाल खड़े करनेवाली है। वरिष्ठ साहित्यकार हेतु भारद्वाज ने कहा कि नंद बाबू के जीवन और कविता में भारतीय समाजवाद की छवि दिखायी देती है और वे गैर बराबरी के खिलाफ कविता को औजार मानते थे. उदयपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष माधव हाड़ा ने उनकी कविताओं को अतीत के आंतक से मुक्त कविताएं बताया. प्रो. सदाशिव श्रोत्रिय एवं ऊर्दू विद्वान फारूख बक्शी ने नंद बाबू के कवि मन के संस्मरण सुनाये.
इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार अनुराग चतुर्वेदी ने नंद चतुर्वेदी फाउंडेशन के गठन की घोषणा की और फाउंडेशन के माध्यम से नंद चतुर्वेदी के साहित्य को सहेजने और शिक्षा के क्षेत्र में सार्थक दखल देने का संकल्प लिया. समारोह में किशन दाधीज, मंजू चतुर्वेदी का काव्य पाठ हुआ. डा. अरुण चतुर्वेदी ने सभा का सचांलन किया.