पायड़ा पदमप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर पंचकल्याणक महोत्सव में गर्भकल्याणक
कवि सम्मेलन में देषभक्ति गीतों ने लुभाया श्रोताओं को
उदयपुर। पायड़ा स्थित श्री पद्मप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर पायड़ा (आयड़-केशवनगर) के पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत शुक्रवार को सांवलिया गार्डन में तपकल्याणक महोत्सव के तहत सुबह पंचकल्याणक विधान एवं विष्व शांति के लिए विष्व शांति होम किया गया।
भगवान के जन्म के समय होने वाली 53 क्रियाओं के तहत अन्न प्रासन्न, यज्ञोपवीत आदि विषेष संस्कारों का आरोपण किया गया। साथ ही देव बालकों के साथ बाल क्रीड़ा की गई। दोपहर में 56 देषों के राजाओं की साक्षी में सौधर्म इन्द्र द्वारा भगवान का राज्याभिषेक किया गया। भगवान ने अपनी नीतिपूर्वक न्याय से राज्य में प्रजा को सुखी व समृद्ध किया। फिर एक बार हाथी को बंधन में देखकर उनका मन संसार से विरक्त हो गया। वैराग्य होने पर लोकांतिक देवताओं ने भगवान के वैराग्य की अनुमोदना की और अपने सम्यकत्व को हठ बनाया। भगवान की वैराग्य पालकी को पहले भूमि गोचरी राजा 7 कदम, बाद में विद्याधर राजा एवं उनके बाद में स्वर्ग के देवों ने उठाई। मनहर वन में भगवान की जैनेष्वरी दीक्षा संपन्न हुई। भगवान को दीक्षा के बाद पिच्छी व कमंडल भेंट करने का सौभाग्य अनिल सकरावत परिवार को मिला।
मीडिया प्रभारी संजय गुडलिया ने बताया कि सप्तम पट्टाचार्य आचार्य अनेकांत सागर एवं मुनि प्रबल सागर ने अपने प्रवचन में कहा कि धर्म नीति ही सर्वश्रेष्ठ है। राजनीति में सुख नहीं है। सच्चे आत्मिक सुख को पाने के लिए भगवान चक्रवर्ती की भोग संपदा भी छोड़ देते हैं। प्रखर वक्ता आर्यिका सुभूषणमति माताजी ने कहा कि भगवान अपने जीवनकाल में एक ही बार बारह अनुप्रेक्षा का चिंतवन करते हैं। संसार दुखमय है, शरीर रोगमय है एवं भोग नाषवान है। इनका मनन, चिंतन करने से वैराग्य को प्राप्त हो जाते हैं। शाम को भगवान की एवं गुरु की मंगल आरती की गई।
रात को हुए कवि सम्मेलन में श्रोताओं ने राष्ट्रीय कवियों के काव्य पाठ का भरपूर आनंद लिया। लखीमपुर से आए आषीष अनल ने अपनी देषभक्ति कविताओं व मुक्तकों से खूब तालियां बटोरीं। उन्होंने वीरता के तीन पर्याय जय जवान जय किसान जय विज्ञान- महाराणा प्रताप और तीसरा राजस्थान को बताने वाली कविता सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। प्रतापगढ़ से आए युवा कवि पार्थ नवीन ने फिल्मी पैरोडियों पर खूब हंसाया। उन्होंने कव्वाली पर जर्दा है जर्दा… जर्दे में डूबे जर्दानषीं हैकृ.. जर्दानषीं को मैं मुर्दा न कर दूं तो कैंसर मेरा नाम नहीं है सुनाकर नषामुक्ति की ओर प्रेरित किया वहीं मुंबई से आए सुनील व्यास ने हम भाइयों ने शहरी बनने के लिए खेत बांट दिए हैं, फसलें काटनी थी वहां प्लॉट काट दिये हैं सुनाकर श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया। कवि सम्मेलन के सूत्रधार व संचालन कर रहे बलवंत बल्लू ने बेटी बचाओ के अभियान को सार्थक करते हुए घर में माहौल तना तना सा था क्योंकि बहू ने बेटी को जना था सुनाई।
प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी पं. धर्मचंद शास्त्री ने सम्पूर्ण क्रियाओं में सक्रिय सहयोग किया। समारोह में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के मुख्य संयोजक रमेषचंद्र चिबोड़िया, अध्यक्ष प्रकाषचंद्र अदवासिया, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र दलावत, महामंत्री अनिल सकरावत, कोषाध्यक्ष, पद्मप्रभु दिगम्बर जैन समाज पायड़ा के अध्यक्ष रमेशचंद्र पद्मावत ने सहयोग दिया।
आज: शनिवार को ज्ञान कल्याणक के तहत सुबह नित्याभिषेक पूजा के बाद महामुनि की आहार चर्या व शोभायात्रा निकाली जाएगी। दोपहर में केवल ज्ञान कल्याणक विधि होगी फिर समोवषरण की रचना की जाएगी। शाम को आरती व प्रवचन होंगे। रात्रि 8 बजे सामाजिक चर्चा व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।