आचार्य महाश्रमण के जन्मोत्सव पर महाप्रज्ञ विहार में समारोह
नेपाल भूकंप में हताहतों को श्रद्धांजलि
नेपाल के लिए विशेष ट्रेन 23 अक्टूबर को ले जाने की घोषणा
उदयपुर। तेरापंथ धर्मसंघ के शासन श्री मुनि राकेष कुमार ने कहा कि अपने आंख, कान, जीभ शुद्ध रखें तो कोई पाप नहीं लगेगा। प्रकृति के प्रकोप पर सभी का विवेक डोल जाता है। कल नेपाल में प्रकृति ने हमारी भी कड़ी परीक्षा ली है।
वे रविवार को आचार्य महाश्रमण के जन्मोत्सव पर महाप्रज्ञ विहार में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व नेपाल में हुए हादसे में मृतकों को मौन रखकर श्रद्धांजलि, उनके परिजनों को सांत्वना व धर्मसंघ के सकुषल होने पर उनके चिरायु होने की कामना की गई।
मुनिश्री ने कहा कि जिस समय वहां भूकम्प आया, उससे ठीक 2 मिनट पहले ही आचार्यश्री महाश्रमण, साध्वी प्रमुखा सहित अन्य करीब सौ साधु-संतों, धवल सेना, योग गुरु बाबा रामदेव आदि कार्यक्रम से हिस्सा लेकर पांडाल से बाहर निकले ही थे। उनके निकलते ही पांडाल भरभराकर गिर पड़ा। ऐसे संकट के काल में भगवती सूत्र का पाठ करें। अगर चेहरा कुरुप है तो दर्पण बदलने से और वाणी खराब हो तो नगर बदलने से क्या हो जाएगा। अगर बदलना है तो खुद को बदलें। आचार्यश्री ने स्वयं को साधा है। भगवार महावीर ने भी कहा है कि जो भयंकर गर्मी में भी शांति का अनुभव करे, तेज सर्दी में भी भावावेष में न आए, प्रकृति कितनी भी कुपित क्यों न हो, हम पर निर्भर है कि हम उसे किस रूप में लेते हैं। भगवान महावीर के सामने कितने ही कष्ट आए, उन्हें कितने ही मर्मांतक दृष्य आए लेकिन वे उन सबको पार कर गए। अगर आप किसी को सौ गाली देते हैं और उस पर लेषमात्र भी असर नहीं होता तो आपके लिए गालियां देना बेकार हो गया। वह तो नहीं लेकिन आप दुखी होंगे क्योंकि आपकी गालियों का उस पर कोई असर नहीं हुआ। उसी प्रकार जिसके पास जो था, उसने दिया लेकिन मैंने नहीं लिया तो वह उसी के पास रहा, मेरे पास आया ही नहीं। उन्होंने आचार्य श्री महाश्रमण पर गीतिका भी प्रस्तुत की।
इससे पहले मुनि दीप कुमार ने कहा कि कल नेपाल में हुए हादसे की जब सूचना मिली तो यकायक सभी चिंतित हो गए। आचार्य प्रवर जब दिल्ली से यात्रा के लिए रवाना हुए तब उन्हें उल्लास के साथ सभी ने उन्हें विदा किया। काठमांडू में अक्षय तृतीया के सारे कार्यक्रम सानंद संपन्न हुए। कल अचानक भूकम्प आया लेकिन तेरापंथ धर्मसंघ सकुषल है, यह हमारे लिए बड़े ही हर्ष का विषय है। आचार्य श्री का संदेष आया कि सभी सकुषल हैं। अभी भी रह रहकर झटके लग रहे हैं और भारत में सभी के मंगल रहने का आषीर्वाद दिया। मुनि श्री ने लोगस्स के चार पाठ किए।
मुनि सुधाकर ने कहा कि प्रकृति क्रूर हो सकती है लेकिन परिस्थितियों पर विजय प्राप्त की जा सकती है। आचार्य का जीन संयम, वैराग्य, करूणा का सागर है। वे हमारे पिता हैं। कल भूकम्प आया, बाबा रामदेव भी वहीं थे, एक मिनट पूर्व सभी वहां से निकले और पांडाल गिर पड़ा। ऐसे माहौल में नमस्कार महामंत्र का जाप करें, मौन, सामायिक करें। चिता जलने से पहले चेतना को जगाएं, अंत्येष्टि से पूर्व परमेष्टि की शरण में चले जाएं।
इससे पूर्व सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने कल की घटना का विवरण देते हुए आचार्य प्रवर तथा अन्य साधु-संतों से मिली जानकारी समाजजनों के साथ बांटी। उन्होंने कहा कि तेरापंथ का तेजस महान है कि किसी को आंच नहीं आई। उन्होंने कहा कि पूर्व नियत कार्यक्रम के अनुसार आज धर्मसंघ के पार्षदों का सम्मान होना था लेकिन कल की घटना के बाद यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है।
फत्तावत ने बताया कि शासन श्री मुनि राकेष कुमार की प्रेरणा से 23 अक्टूबर को नेपाल के लिए थर्ड एसी स्पेषल ट्रेन ले जाई जाएगी जो दो नवम्बर को वापस उदयपुर पहुंचेगी। इस दौरान तीन दिन आचार्य श्री महाश्रमण के दर्षन के लिए विराटनगर में रुकेंगे। फिर सम्मेदषिखर, वाराणसी, इलाहाबाद होते हुए वापस उदयपुर आएंगे। ट्रेन में पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर आरक्षण सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके लिए एक संयोजकीय समिति का गठन किया गया है जिसमें तेरापंथ सभा की कार्यकारिणी के सभी सदस्यों सहित धीरेन्द्र मेहता, दीपक सिंघवी एवं विनोद माण्डोत को शामिल किया गया है। आरक्षण के लिए अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में संपर्क किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त फत्तावत ने बताया कि नेपाल में आवष्यकता होने पर उदयपुर से 50 कार्यकर्ताओं का दल जाने को तैयार है। इसकी जानकारी आचार्य प्रवर को भेजी गई है। वहां से आवष्यकता मिलते ही यहां से सेवा के लिए कार्यकर्ता वहां जाएंगे।
मृतात्माओं को श्रद्धांजलि के लिए शषि चव्हाण ने नमस्कार महामंत्र का जाप किया वहीं मृतकों के परिजनों को सम्बल प्रदान करने के लिए मिनी सिंघवी ने पार्ष्वनाथ स्तुति की। विषय प्रवेष पर सुबोध दुग्गड़ ने अपना वाचन किया। अतिथियों के रूप में पार्षद राकेश पोरवाल एवं रेखा जैन भी मौजूद थे। संचालन सभा के मंत्री सूर्यप्रकाश मेहता ने किया।