पर्यावरण प्रबंधन योजना एवं पर्यावरण प्रभाव आकलन पर कार्यशाला आरंभ
उदयपुर। ‘माइनिंग के क्षेत्र में क्वालिफाइड स्टाफ की बहुत कमी है। आने वाले समय में पर्यावरण संबंधी क्लियरेंस प्राप्त करने एवं सरकारी नियमों के अनुसार माईनिंग गतिविधियां संचालित करने के लिये बहुत बड़ी संख्या में खनन एवं पर्यावरण के फील्ड में क्वालिफाईड एवं पूर्ण रूप से प्रशिक्षित कर्मचारियों की बहुत आवश्यलकता रहेगी। ये विचार यूसीसीआई की खनन सब कमेटी के चेयरमेन पूर्वाध्यक्ष एमएल लूणावत ने व्यक्त किये।
उन्होंटने कहा कि खनन एवं पर्यावरण सम्बन्धी सरकारी नियमों की पूर्ण जानकारी रखने वाले कर्मचारियों के माध्यम से ही मिनरल उत्खनन की गतिविधियां संचालित की जा सकेंगी। हालांकि सरकार की मंषा पर्यावरण को संरक्षण प्रदान करने की है किंतु खनन से संबंधित सरकारी कानून बहुत सख्त हैं। खनन से जुडे उद्यमियों का भी यह पूर्ण प्रयास है कि पर्यावरण का संरक्षण करते हुए एवं सभी सरकारी नियमों की पालना करते हुए मिनरल उत्खनन कर देश के आर्थिक विकास में भागीदार बनें।’
वे उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री तथा खान एवं भू विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में “पर्यावरण प्रबंधन योजना एवं पर्यावरण एवं पर्यावरण प्रभाव आंकलन“ विशय पर आयोजित किये जा रहे तीन दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।
संचालन खान एवं भू विज्ञान विभाग के अधिक्षण खनि अभियन्ता मधूसूदन पालीवाल ने किया। यूसीसीआई के संरक्षक अरविन्द सिंघल एवं खनन उपसमिति के चेयरमेन पूर्वाध्यक्ष लूणावत के योगदान के परिणामस्वरूप आज इस तीन दिवसीय प्रषिक्षण षिविर के द्वितीय बैच का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य अतिथि भारत सरकार की पर्यावरण क्लीयरेन्स समिति में सलाहकार पीके वर्डिया, कृषि एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय के खनन अभियांत्रिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एसएस राठौड़ ने भी विचार व्य क्त किए। इंजीनियरिंग स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया, हैदराबाद की कार्यक्रम निदेशिका एम. शुभा ने प्रषिक्षण शिविर की रुपरेखा प्रस्तुत की। शुभा ने इंजिनियरिंग स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया के विषय-विषेशज्ञों के बारे में भी जानकारी दी। कार्यक्रम के आरंभ में यूसीसीआई के वरिष्ठफ उपाध्यक्ष वीपी राठी ने सभी का स्वागत किया।