उदयपुर। घटते जलस्तर व बढ़ते झील प्रदूषण से नागरिकों का स्वास्थ्य गंभीर खतरे में है। ऐसे में आम नागरिक को जलस्त्रोतों की स्वच्छता बनाये रखने में अपना योगदान देना चाहिए वहीं प्रशासन व सरकार को जल स्त्रोतों की सुरक्षा ए स्वच्छता एवं स्वच्छ जल आपूर्ति के अपने दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए।
ये विचार श्रमदान पश्चात हुए रविवारीय संवाद में व्यक्त किये गए। अनिल मेहता व नंद किशोर शर्मा ने झील में नहाने वालो को आगाह करते हुए कहा कि जैविक रूप से प्रदूषित पानी के संपर्क में रहने एवं इस पानी के मुंह में जाने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। पिछोला के अमरकुंड क्षेत्र से झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति व डॉ. मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में झील क्षेत्र से घरेलू कचरा, पोलिथिन व भारी मात्रा में जलीय घास निकाली गयी। श्रमदान में मोहन सिंह चौहान, प्रताप सिंह, रमेशचन्द्र राजपूत, अम्बालाल नकवाल, दुर्गा शंकर पुरोहित, कुलदीपक व नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया।