उदयपुर। महाराणा प्रताप की 475वीं जयन्ती के उपलक्ष्या में सांस्कृतिक संध्या पटेल सर्किल स्थित सर्वधर्म मैत्री संघ कार्यालय में हुआ। ‘हर तरफ हर जगह हर कहीं पें है हां उसी का नूर’ प्रार्थना गीत से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ।
पूर्व एसडीएम बीआर भाटी मुख्य अतिथि थे। विशिष्ट अतिथियों में प्रेमसिंह शक्तावत, कमलेश पंवार, सिस्टर डेमियन और अनिल मसीह थे। शिवदान सिंह जोलावास ने ‘गुम नी वी है यादां मारी’ कविता प्रस्तुत की। बालिका यशस्वी राणावत ने कविता ‘‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’। मदर टेरेसा आश्रम की बालिकाओं ने गीत ‘लडली लुमा झूमा ए’ पर नृत्य प्रस्तुत किया। फादर नोरबट हरमन ने महाराणा प्रताप के जीवन पर प्रकाश डाला और महाराणा प्रताप का गीत ‘‘हल्दी घाटी में समर लडियों’ गीत गाकर लोगों का मन प्रफुल्लित किया।
कालबेलिया नृत्य रूद्राक्षी चतुर्वेदी ने प्रस्तुत किया। पूजा मोंगा ने भक्ति गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ प्रस्तुत किया। रूचिका सोनीगरा ने केषरिया बालम चेरी नृत्य प्रस्तुत किया। संचालन करते हुए शायर मुश्तातक चंचल ने महाराणा प्रताप की शान में ‘मेवाड़ के सूर्यवंशी महाराणाओं पर’ ऩज्म प्रस्तुत की। मुख्य अतिथि बीआर भाटी ने महाराणा प्रताप के जीवन आदर्शों को अपनाने की बात कही जबकि प्रेमसिंह शक्तावत ने कहा कि महाराणा प्रताप ने सभी सर्व समाज को बराबरी और सम्मान का दर्जा देकर स्वाभिमान और आजादी की लड़ाई में अपना अहम योगदान दिया।