सुप्रकाशमति माताजी का बामनिया में हुआ भव्य मंगल प्रवेश
उदयपुर। राष्ट्र्र संत गुरु माँ गणिनि आर्यिका सुप्रकाशमति माताजी एवम् प्रज्ञामति माताजी ससंघ का परिवार संस्कार यात्रा के साथ आज सूलम्बर तहसील के बामनिया गांव में भव्य मंगल प्रवेश हुआ।
गुरु भक्तों दवारा जगह जगह माताजी का पाद प्रक्षालन एवम् जय घोष के साथ जुलुस में स्वागत किया गया। सभी संप्रदाय के धर्म प्रेमियों ने माताजी का स्वागत किया। इस जुलुस की खास विशेषता रही की इसमें सभी जाति संप्रदय जैन मुस्लिम हिन्दू वर्ग की सहभागिता रही। जुलूस में विशेष आमन्त्रित अतिथियों में अखिल भारतीय सुप्रकाश ज्योति मंच राष्ट्रीय संयोजक ओम प्रकाश गोदावत, उदयपुर मंच शाखा प्रवक्ता, संदीप संगनेरिया और आदर्श मार्बल के जकी सुल्तान एवम् सभी वर्ग के लोगों को साथ लेकर निकला यह जुलुस वर्तमान समय में हिंदू-मुस्लिम एकता और साम्प्रदायिक सोहाद्र्ध की एक मिसाल बन गया। समाज के सभी श्रेष्ठी जनों ने सामाजिक समरसता की अनूठी मिसाल पेश की। माताजी ने अपने मंगल प्रवचन में धर्म सभा को संबोधित करते हुए सभी धर्मो की व्याख्या करते हुए बताया की महावीर, बुद्ध, राम, कृष्ण,अल्लाह सबने उस एक परमात्मा के बारे में बताया की अहिंसा को अपनाना ही आज के युग में श्रेष्ट धर्म है। जिओं और जीने दो सभी को साथ लेकर चलना, सभी सम्प्रदायों में सामाजिक समरसता हो और सभी राष्ट्र व समाज हित में काम करे ।
हिदु मुस्लिम सिख ईसाई जैन सभी जाति वर्गों की पूजा पद्धति अलग है लेकिन सभी का मूल मंत्र विश्व में शांति सौहार्ध व भाईचारा बना रहे। खुदा एक है और हम सब उसके बन्दे है। जाति धर्म सम्प्रदाय से ऊपर उठकर हमें देश हित समाज हित में योगदान देकर एक सच्चे भारतीय होने का दायित्व निभाना होगा। यह हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी भी है। बामनिया जैन समाज के अध्यक्ष चंपालाल जैन ने बताया कि बामनिया में माताजी की निश्रा में 3 जून से 7 जून तक जम्बूदीप विधान एवम् विश्व शांति यज्ञ महा महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है जिसमें आस पास सलूम्बर, सेमारी, कुंडा आदि गंावों के लोग भाग लेकर धर्म लाभ प्राप्त करेंगे।
राष्ट्रीय प्रवक्ता पारस कोठारी ने बताया कि गुरु मां के सानिध्य में संस्कार यात्रा के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को सही सोच सुसंस्कृत जीवन और राष्ट्र, समाज में उनका योगदान दायित्व आदि संस्कारो के माध्यम से सही दिशा प्रदान की जा रही है। सम्पूर्ण भारत में लगभग 45000 किलोमीटर की यात्रा पूर्ण हो गई है। इस यात्रा का सयोजन अखिल भारतीय सुप्रकाश ज्योति मंच की राष्ट्रीय कार्यकारिणी दवारा किया जा रहा है।