उदयपुर। अध्यापक शिक्षा के सामने आज के दौर मे वैष्विक परिदृष्य में चुनौतियां और बढ़ गई है। व्यापक दृष्टिकोण मूल्य आधारित उत्तरदायित्व वैश्वीदकरण की विषमताओं निपटने वाले सामर्थ्य रखने वाले दूरदर्शी अध्यापक तैयार करना सबसे बड़ी चुनौती है।
ये विचार एमडीएस विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी ने मंगलवार को जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विष्वविद्यालय की ओर से आयोजित रिफ्रेशर कोर्स सेमिनार को संबोधित करते हुए रखे। उन्होने कहा कि उच्च शिक्षा का दायरा बड़ा है। जब देश आजाद हुआ था तब 22 विश्वलविद्यालय थे जबकि आज देश में 750 विश्वाविद्यालय है। स्वाभाविक रूप से हमने उच्च शिक्षा में प्रगति की है। उस समय 700 कॉलेज जबकि आज 33000 कॉलेज विद्यमान है। उस समय दो लाख विद्यार्थी महाविद्यालयों में थे जबकि आज 3 करोड़ से अधिक विद्यार्थी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे है। कहने तात्पर्य यह है कि कुछ छात्रों का रूझान तेजी से बढ़ रहा है। भारत में आज भी स्कूली शिक्षा से उच्च शिक्षा की ग्रोथ 16 प्रतिशत है। विदेशों में उच्च शिक्षा के प्रति रूझान 55 प्रतिशत है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में पीजी डीन प्रो. प्रदीप पंजाबी ने अध्यापकों को शोध में नवाचार अपनाने का संदेश दिया।