विद्यापीठ रिसर्च बोर्ड की बैठक में लिए महत्वपूर्ण निर्णय
उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय में शोधार्थियों के सुविधा के लिए विश्वविद्यालय के सभी संकायों में रिसर्च समिति का गठन किया गया है। शोधार्थी की सभी समस्याओं का समाधान उक्त समिति द्वारा किया जायेगा।
साथ ही शोधार्थियों को वहां पर उस संकाय में शोध हेतु कम्प्यूटर, प्रिन्टर, इन्टरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इससे छात्रों एवं शोधार्थियों को भी लाभ मिलेगा। यह बात मंगलवार को कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने रिसर्च बोर्ड की बैठक में अध्यक्षता करते हुए कही। पीजी डीन प्रो. पीके पंजाबी बताया कि सभी अकादमिक सदस्यों के लिये एक लघु प्रोजेक्ट लेना अनिवार्य होगा।
पीएचडी कोर्स वर्क : शोधार्थियों का कोर्स वर्क 17 जून से 17 जुलाई तक होगा। साथ ही पहली बार हो रहे होम्योपेथिक में शोध कार्य हेतु 10 दिवसीय पीएचडी कोर्स वर्क जुलाई से प्रारंभ होगा। कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने बताया कि सेमीनार में भाग लेने वाले अकादमिक कार्यकर्ताओं केा रजिस्ट्रेशन शुल्क व यात्रा भत्ता अधिकतम 10 हजार रू. तथा भारत से बाहर सेमीनार में भाग लेने वाले को अधिकतम एक लाख रू. देय होगा। सत्र 2015-16 से पीएचडी परीक्षा 12 जूलाईमें आयोजित की जायेगी। विषिश्ट अतिथि रजिस्ट्रार प्रो. सीपी अग्रवाल तथा कुलप्रमुख भंवरलाल गुर्जर थे।
रिसर्च इन्वीटेशन प्रोग्राम होगी प्राथमिकता : कुलपति प्रो. सांरगदेवोत ने कहा कि सत्र के दौरान षोध पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जायेगी। षोध में गुणवत्ता बढाने हेतु केन्द्रीय पुस्तकालय की ई-लाइब्रेरी में सभी विषयों के 26 हजार ई-बुक्स तथा 1,25,000 के लगभग ई-जनरल्स ऑनलाइन उपलब्ध है। आमंत्रित कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न विकास के आयामों का तलाषा जायेगा।
शोध जनरल स्पंदन का प्रकाषन करने का भी निर्णय लिया गया। साथ ही नये षोध निदेषक भी बनाए गए। रिसर्च बोर्ड की बैठक में रजिस्ट्रार डॉ. सीपी अग्रवाल, डॉ. एसएनए जाफरी, डॉ. मंजू मांडोत, डॉ. जीवनसिंह खरकवाल, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. केपी तलेसरा, डॉ. रितु तोमर, डॉ. अमिया गोस्वामी, डॉ. शैलेन्द, मेहता मौजूद थे।