सात दिवसीय सेमिनार का शुभारम्भ
उदयपुर। योग और योगासन से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के उद्देश्य से सोसायटी फॉर माइक्रोवायता रिसर्च एंड इंटीग्रेटेड मेडिसिन, उदयपुर की ओर मादरी रोड स्थित आनंद मार्ग जागृति आश्रम में सोसायटी सदस्यों के लिए सात दिवसीय योग सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है।
सोमवार को उदघाटन समारोह में मुख्य प्रशिक्षक आचार्य ललितकृष्णानंद अवधूत ने कहा कि आज योगासन को योग का पर्याय माना जा रहा है जबकि योग का तात्पतर्य जीवात्मा ओर परमात्मा का एकीकरण है जो केवल मानसा-आध्यात्मिक साधना से ही संभव है। योगासन, योग साधना के लिए शरीर और मन का उचित परिवेश देने में सहायता करते हैं। समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. सुभाष वशिष्ठव ने योगासन की नियमितता और योग साधना से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को समझाया।
समारोह में मुख्य प्रवक्ता सोसायटी अध्यक्ष डॉ एसके वर्मा ने योगासन विज्ञान की चर्चा करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के अनुसार ही अमुक योगासन अमुक व्यक्ति के लिए करना उचित है और इसके लिए योगासन सदा आचार्य के दिशा निर्देशो के अनुसार ही किये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि योगासन के लिए निर्धारित विधि-निषेध का पालन नहीं करने से लाभ की जगह नुकसान भी हो सकता है। अत: योगासन के लिए निर्धारित नीति निर्देशो का पालन हर हाल में सभी को करना चाहिए। इस अवसर पर तपोनिष्ठा राठौर और राहुल ने मुख्य प्रशिक्षक के दर्शाये अनुसार विभिन्न योगासनों को प्रदर्शित किया।
सोसायटी सचिव डॉ. वर्तिका जैन ने बताया कि सात दिवसीय सेमिनार में प्रतिदिन सांयकाल में योग और योगासन से जुड़े विभिन्न मिथक और तथ्यों जैसे योगासन और स्वर विज्ञान का महत्वस, योगासन और भोजन का सम्बन्ध, योगासन का अंत: स्त्रावी ग्रंथियों पर प्रभाव, वृति नियंत्रण और योगासन, योगासन से पूर्व और पश्चात की सावधानियाँ, योग की व्याख्या और उसके अंग इत्यादि विषयो पर चर्चा के साथ ही इनका प्रायोगिक अभ्यास भी करवाया जाएगा।