उदयपुर। चीन के ही एक शहर शेनजेन में जनसंख्या नियंत्रण कानून इतना कठोर है कि यदि किसी दम्पत्ति के एक के बाद दूसरा बच्चा हो जाता है तो उसे सरकार को 20 हजार डॉलर देने होते है।
यह कहना था कि वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति के सदस्यों का जो गत माह शेनजेन-मकाऊ-हांगकांग की सात दिवसीय यात्रा पर जा कर आये और उन्होंने कल यहंा अपने संस्मरण सुनायें तो उपस्थित सभी सदस्यों को आश्चर्य हुआ। समिति के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. सुन्दरलाल दक ने बताया कि शेनजेन की सडक़े बहुत साफ रहती है। वहंा पर सरकार स्वयं वृद्धाश्रम चलाती है इसलिये सडक़ों पर कहीं भी वृद्ध देखने को नहीं मिलते है।
मुस्कान क्लब की ओर से गये डॉ. छाजेड़ ने बताया कि बीजिंग व श्ंाघाई में पावर कट देखने को नहीं मिलता है। वहां सात लड़कियों पर एक लडक़ा काम करता है, वहां एक लडक़ा अधिकतम तीन लड़कियों से शादी कर सकता है। वहां लडक़ों की तुलना में लड़कियां अधिक है। वहां पक्षियों व गली के जानवरों की आवाजें सुनाई नहीं देती है। आरके जोशी ने बताया कि मकाऊ शहर का नाम एक मां के मन्दिर के नाम पर पड़ा। वहां के कैसिनो देखने लायक हैं। स्वतंत्रता के मात्र 25-26 वर्षो के दौरान मकाऊ ने जो तरक्की की है वह देखने लायक है। चीन एंव शेनजेन में 100 मंजिलों की बिल्डिंगे आम बात है। हांगकांग की 110 मंजिल की बिल्डिंग देखने लायक है।