11 बजे नाथद्वारा से उदयपुर तक लालन सुखपाल में सुसज्जित रथ में आएगे आरएमवी स्कूल
उदयपुर। आनंद कंद सच्चिदानंद श्रीनाथजी के गोद के ठाकुरजी प्रभु श्री नवनीतप्रिया जी लालन प्रभु का 214 वर्ष बाद झीलों की नगरी में शाही ठाठ बाठ से मंगलवार को पधारेंगे। नाथद्वारा से लालन प्रभु के आगमन पर आरएमवी स्कूल से श्रीनाथजी मंदिर तक दोपहर 1. 30 बजे भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी।
दो दिवसीय आयोजन को लेकर उदयपुर स्थित श्रीनाथ मंदिर के साथ इससे जुड़े पूरे मार्ग और चौराहों को चमकीली पन्नियों और रंग बिरंगी बिल्बावलियों की लड़ियों से लकदक सजाया गया है। शाम सात बजे आज वन झूलत नटवरलाल मनोरथ के दर्शन होंगे। दूसरे दिन बुधवार सुबह मंगला में, दोपहर राजभोग तथा सायंकाल विशेष उत्संव के दर्शन होंगे।
इस अलौकिक महाकुम्भ के लिए झीलों की नगरीवासी पलक-पावड़े बिछाये हैं। नाथद्वारा से उदयपुर तक लालन प्रभु के स्वागत में भव्य सजावट की गई है। लालन प्रभु 11 बजे नाथद्वारा से उदयपुर तक सुखपाल में बिराज हो सुसज्जित रथ में उदयपुर आएंगे। आरएमवी स्कूल से भव्य शोभायात्रा के साथ श्रीनाथजी मंदिर पधारेंगे। शोभायात्रा में तिलकायत राकेश बावा व गोस्वामी विशाल बावा का भक्तों को सानिध्य रहेगा वहीँ पूर्व महाराणा महेंद्रसिह मेवाड़ शोभायात्रा में शिरकत करेंगे।
दिव्य मनोरथ : झीलों की नगरी उदयपुर में होने वाला आज वन झूलत नटवरलाल मुख्य मनोरथ प्रभु श्रीकृष्ण के वन में झूलने के भाव का मनोरथ है। यहां होने वाला मनोरथ भी इसी भाव से होगा और पूरे मंडप को वन के रूप में दिव्य भाव से सुसज्जित किया गया है। उदयपुर में लालन मनोरथ करने में प्रभु लालन मनोरथ समिति के 22 सदस्य एक माह से लगातार सेवा देकर मनोरथ को भव्यता प्रदान करने में लगे हैं जिसमें संरक्षक नगीनदास पारीख, संरक्षक अशोक बाहेती, अशोक, धर्मनारायण जोशी, भुवनेश भाई शाह, कृष्णदास पारीख, मनोरथ व्यवस्था समिति पदाधिकारी लीलाधर पालीवाल, नरेंद्र पारीख, रमनलाल पारीख, नवनीत पारीख, जयंतीलाल पारीख, राजेश भाई मेहता, गोपालदास पारीख, हेमंत चौहान , सुनील पारीख, अशोक पारीख, अनिल पारीख, राकेश पारीख, नितिन पारीख, वल्ल्भा पारीख, गजेन्द्र मांडोत, मंगला बेन, प्रचार प्रमुख हेमेन्द्र श्रीमाली सम्मिलित हैं।
नाथद्वारा से तिलकायत राकेश महाराज और गोस्वामी विशाल बावा के अलावा मंदिर मंडल के अधिकारी सुधाकर शास्त्री, मंदिर मंडल सीईओ जगदीश चन्द्र, लालन प्रभु के मुखिया घनश्याम बावा मंदिर मंडल और मंदिर के अधिकारी पदाधिकारी सेवादार , सुरक्षा अधिकारी, श्रीनाथ गार्ड, श्रीनाथ बैंड, बाल भोग बनाने वाले विशेष प्रसाद सागर बनाने वाले सागरीया भी सेवा में रहेंगे। प्रसाद की खुशबू : लालन मनोरथ के लिए बनने वाले बाल भोग नाथद्वारा मंदिर से आए सागरीया जी और स्पेशल सेवाधरक तैयार कर रहे हैं जिससे आसपास के इलाकों में प्रसाद की खुशबू से वातावरण दिव्य हो गया है।
जल छिड़काव :- मंदिर में लालन पदार्पर्ण को लेकर सभी मार्गों को स्वच्छ और मंदिर परिसर को जल से छिड़काव कर पवित्र किया गया जिसमें मंदिर मार्ग पर जल छिड़काव में नगर निगम के कर्मचारियों ने भी सेवा दी।