“भारत निर्माण : शताब्दी की कल्पना”विषयक गोलमेज संवाद
उदयपुर। पद्मविभूषण जगत मेहता के जन्मदिवस समारोह में सेवा मंदिर सभाकक्ष में आयोजित “भारत निर्माण : शताब्दी की कल्पना” विषयक गोलमेज संवाद में सामाजिक कार्यकर्ता, औद्योगिक घरानो के प्रतिनिधि, राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ एवं वरिष्ठ पत्रकारों ने आगामी शताब्दी के लिए सुशासन को महत्वपूर्ण बतलाया।
एक आम राय व्यक्त की गयी कि विकास का मॉड्यूल मूल्याधारित एवं विकेन्द्रित होना चाहिए जिसमे जनता की सम्पूर्ण भागीदारी हो। भारत युवाओं का होने के साथ साथ गांवों का भी है। ग्रामीण विकास की रफ़्तार को बढ़ाने की जरुरत है। गरीबी, पर्यावरण, स्वास्थ्य, महिलाओं की स्थिति, बेहतर सरकारी सेवा ऐसे क्षेत्र है जो आज़ादी के लगभग सात दशक पश्चात भी चुनौती बन कर खड़े हैं। पेयजल, बिजली, शिक्षा व स्वास्थ्य की मार अभी भी गांव और गरीब झेल रहा है।
विकास जरुरी है पर पर्यावरण भी उतना ही जरुरी है ,खेती की हालत सुधारना लाजमी है, नागरिक सरोकारों पर चिंतन की जरुरत है। भारत जैसे देश के विकास के लिए गांधी द्वारा सुजाया मार्ग ज्यादा प्रासंगिक है। जरुरी है कि नागरिक संस्थाओ के प्रति जन आस्था और विश्वास बढ़ोतरी हो। ये ऐसे मुद्दे रहे जिन पर गोलमेज संवाद में विस्तार से वार्ता हुई।
गोलमेज संवाद का संयोजन आईआईएम के निदेशक प्रो. जनत शाह ने किया। संवाद में पूर्व भारतीय राजदूत टीपी श्रीनिवासन, शैल इण्डिया के पूर्व अध्यक्ष विक्रम मेहता, सेवा मंदिर के अध्यक्ष अजय मेहता,पूर्व मंत्री भरतसिंह ,इंटेक की उपाध्यक्ष तसनीम मेहता, पूर्व सचिव राजस्थान सरकार अदिति मेहता ,कोकाकोला की कंट्री डायरेक्टर नीलिमा खेतान, ऑक्सफेम इंग्लॅण्ड की अनन्या मेहता, केएफसी नयी दिल्ली की सुनीता चौधरी, वरिष्ठ पत्रकार पामेला , मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय मेहता , सेवामंदिर मुख्य संचालिका प्रियंका सिंह, सिक्योर मीटर के मुख्य कार्यकारी भगवत बाबेल सहित कई नागरिको ने अपने विचार व्यक्त किए।