विजय सोमसुंदर सूरीश्वर का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश
उदयपुर। प्रात: से ही आसामन में वर्षा ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी लेकिन वह हिरणमगरी से. 4 में पहली बार मेवाड़ में श्रीमद् विजय सोमसुन्दर सुरीश्वर महाराज एवं ससंघ के चातुर्मास प्रवेश के अवसर हाथी, घोड़े, बैण्ड बाजों एवं बग्गी से सुसज्जित निकाली गई शोभायात्रा तथा आसमान से होने हेलीकोप्टर के जरिये होने वाली पुष्पवर्षा को भी नहीं रोक पाई। शोभायात्रा के मार्ग में विभिन्न स्थानों पर 32 स्वागत द्वार लगाकर महाराज एवं ससंघ का भव्य स्वागत किया गया।
हिरणमगरी से. 4 स्थित श्री शांतिनाथ जिनालय में आयोजित प्रवेश अवसर पर आचार्य श्रीमद् विजय सोमसुंदर सूरीश्वर महाराज ने कहा कि भगवान की पूजा करने से तो लाभ है ही इसके साथ ही भगवान की आज्ञा का पालन करने मे भी लाभ है। सामायिक कर लिया पर सामायिक की पूरी समझ न हो तो लाभ नही मिलता। धर्म के मार्ग से लोग विमुख हो रहे है।
गुरूदेव ने कहा कि जैन परिवार पढऩे-लिखने, डिग्रिया हासिल करने और व्यवसाय करने में तो श्रावक-श्राविकाएं लगातार आगे बढ़ रहे हैं लेकिन समय नहीं होने का बहाना करते हुए धर्म के रास्ते से भटक रहे हैं। ऐसे में सभी जैन समाज के लोग चार महीने गुरूवाणी का लाभ लें और अपने जीवन को परमात्मा के साथ जोडऩे का महत्वपूर्ण कार्य करे।
चातुर्मास प्रवेश आयोजन के मुख्य अतिथि महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य हैं कि उदयपुर के हर हिस्से मे चातुर्मास के आयोजन हो रहे है। चातुर्मास के दौरान गुरूवर हमें धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते है। धर्म, ध्यान, जप-तप के लिए जैन समाज विश्व मे जाना जाता है। हमारा बोला हुआ हर शब्द ब्रम्हाण्ड मे गुंजता है और अगर कोई मंत्र हमने बोला हो तो उसकी तो बात ही सबसे अलग है।
गाजे-बाजे से शोभायात्रा : चातुर्मास प्रवेश को लेकर विजय सोमसुंदर सूरीश्वर महाराज एवं ससंघ की शोभायात्रा विद्या निकेतन स्कूल से रवाना हुई, जिसमें सबसे आगे अश्व, गज, बग्गी में श्री शान्तिनाथ स्वामी की प्रतिमा, सिर पर कलश लिये केसरीया साड़ी पहने हुए महिलाएं, तो वही श्वेत वस्त्र धारण किये हजारों श्रावक-श्राविकाएं शामिल हुए। शोभायात्रा में भक्त सोमसुंदर सूरीश्वर महाराज को हिण्डोले में लिये रहे वही सैकड़ों साधु साध्वी भी गुरूदेव की अगवानी मे साथ रहे। शोभायात्रा के साथ गुरूदेव ने सेक्टर 4 स्थित श्री शांतिनाथ श्वे. जिनालय मे भगवान शांतिनाथ के दर्शन किये तत्पश्चात् शोभायात्रा पुन: गाजे बाजे के साथ विद्या निकेतन स्कूल के सभागार मे पहुंची। इस दौरान गुरूदेव पर आसमान से पुष्प वर्षा करने का दौरान सम्पूर्ण शोभायात्रा मे चलता रहा।
साध्वीश्री श्रद्धांजना का मंगल प्रवेश
साध्वीश्री हेमप्रभा की शिष्या प्रवचनकारिका साध्वीश्री श्रद्धांजना श्रीजी व साध्वी दीपमाला श्रीजी का चातुर्मास हेतु मंगल प्रवेश सुबह नौ बजे मेवाड़ मोटर्स लिंक रोड़ स्थित श्री जैन श्वेताम्बर वासुपूज्य महाराज का मन्दिर एवं श्री जिनदत्तसूरि दादाबाड़ी परिसर के श्री जिन कुशलसूरि मणि आराधना भवन में गाजे-बाजे के साथ धूमधाम से हुआ।
धर्मसभा में साध्वी श्रद्धांजनाश्री जी ने तत्वज्ञान पर धाराप्रवाह उद्बोधन दिया। समारोह में मुख्य अतिथि उदयपुर जोन के मुख्य आयकर आयुक्त बीपी जैन एवं अध्यक्ष महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने भी संबोधित किया। ट्रस्ट अध्यक्ष मोहनसिंह दलाल ने बताया कि साध्वीश्री श्रद्धांजना आदि ठाणा-1 सूरजपोल बाहर स्थित ज्योति होटल से प्रात: आठ बजे बैण्ड बाजे, घोड़े आदि के साथ सुरजपोल चौराहा होते हुए भव्य शोभायात्रा के रूप में चातुर्मास स्थल पर पंहुचे। इस अवसर पर सैकड़ों श्रावक धवल वस्त्र में एवं श्राविकाएं कलश लिये शोभायात्रा में साथ-साथ मंगलगीत गाते हुए चली। शोभायात्रा में जोधपुर, पाली सहित अनेक स्थानों से आये श्रावक-श्रविकाओं ने भी भाग लिया।