हिन्दुस्तान जिंक में औषधीय पौधों पर कार्यशाला
उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक के कार्पोरेट कार्यालय में स्वास्थ्य एवं खुशहाली के लिए राजस्थान में उद्योगों के ग्रीन खाली स्थानों पर औषधीय पौधों को विकसित करने के लिए राजस्थान राज्य औषधीय प्लाण्ट बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. दीप नारायण पाण्डे ने कार्यशाला में प्रशिक्षण दिया।
कार्यशाला में पर्यावरण, सीएसआर बागवानी, हिन्दुस्तान जिंक़ के सभी प्रचालन इकाइयों, उदयपुर सीमेन्ट वर्कस लिमिटेड, उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स इण्डस्ट्रीज, उदयपुर आयुर्वेद कॉलेज, गार्डन कॉर्नर नर्सरी तथा विभिन्न विभागों के प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण में भाग लिया। राजस्थान राज्य औषधीय प्लाण्ट बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. दीप नारायण पाण्डे, हिन्दुस्तान जिंक के कार्पोरेट अफेयर्स के हेड सीएसआर मेहता तथा हिन्दुस्तान जिंक के ईओएचएस के हेड वी. जयरम्न ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
डॉ. पाण्डे ने बताया कि बड़े उद्योग को अपने बागानों और खाली स्थानों पर साधारण पौधों के साथ-साथ तुलसी, लेमन ग्रास, मारवा, अलॉय, ग्वार पाटा, एलो वेरा आदि औषधीय गुणकारी पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि बडे़ उद्योगों में हिन्दुस्तान जिंक एवं उदयपुर सीमेन्ट वर्क्सर ने परिसरों में लगभग 1000 छोटे एवं 200 बडे़ पौधों की नर्सरी के लिए खाली जगह विकसित किये हैं। साथ ही यह भी बताया कि बड़े उद्योग सामाजिक उत्तरादायित्व फण्ड से हर्बल पौधे लगाकर विकसित कर सकते हैं।
ज्ञातव्य रहे कि हिन्दुरस्तान जिंक की इकाई जिंक स्मेल्टर देबारी की कॉलानी क्षेत्र में प्रकृति और संरक्षण को समृद्ध बनाने के लिए तुलसी, नींबू ग्रास, मारवा, ग्वारपाटा, एलोवेरा, आवंला सीताफल आदि 22 औषधीय प्रजातियों के लगभग 1000 औषधीय पौधों के लिए एक हर्बल नर्सरी विकसित की गई है।