महिला सशक्तिकरण (वुमन सेल्फ एम्पावरमेन्ट) पर यूसीसीआई में कार्यशाला
उदयपुर। ‘किसी भी परीक्षा का परिणाम घोषित होने पर देखने में आता है कि महिला ने टॉप किया अथवा मेरिट लिस्ट में अधिकांष महिलाओं ने स्थान बनाया, किंतु महिलाएं उद्योग अथवा व्यापार के क्षेत्र में आगे आने में हिचकिचाती है जबकि वास्तविकता यह है कि महिलाओं का मैनेजमेंट पुरूषों की तुलना में बेहतर होता है।’
ये विचार यूसीसीआई में महिला स्वषक्तिकरण (वुमन सेल्फ एम्पावरमेन्ट) पर आयोजित कार्यशाला के दौरान विषय विशेषज्ञ डॉ. मनीषा अग्रवाल ने व्यक्त किए। उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री की महिला उद्यमिता विकास सब कमेटी के सौजन्य से महिलाओं के लिये चेम्बर भवन के अरावली सभागार में आयोजित कार्यषाला में बड़ी संख्या में महिला उद्यमियों तथा उद्योग एवं व्यवसाय से जुडने की इच्छुक महिलाओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम के आरंभ में अध्यक्ष वीपी राठी ने स्वागत उदबोधन में अरून्धति भट्टाचार्य, चंदा कोचर तथा उदयपुर की कई महिला उद्यमियों के उदाहरण देते हुए बताया कि महिलाओं मे पुरुषों की तुलना में उद्यमिता का गुण अधिक बेहतर होता है।
महिला उद्यमिता विकास सब कमेटी की अध्यक्षा शिल्पा बापना ने बताया कि सब कमेटी द्वारा प्रत्येक महीने-दो महिने में महिलाओं की रुचि के अनुसार कार्यक्रमों का यूसीसीआई में आयोजन किया जायेगा। पूर्वाध्यक्ष वीरेन्द्र सिरोया, सीपी तलेसरा, महेन्द्र टाया, विनोद कुमट आदि ने विचार व्यक्त किए।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष हंसराज चौधरी ने बताया कि सरकार द्वारा प्रत्येक कम्पनी में एक महिला डायरेक्टर की नियुक्ति अनिवार्य की गई है। इसके साथ ही सरकार द्वारा महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु कई योजनाएं घोशित की गई हैं। अतः उद्यमियों को चाहिए कि वे अपने परिवार की महिलाओं को डायरेक्टर बनाने के साथ ही व्यवसाय में उनका सक्रिय योगदान लें। उपाध्यक्ष आशीष छाबड़ा ने कहा कि जिस प्रकार प्रत्येक सफल पुरूष के पीछे एक महिला का हाथ होता है, ठीक उसी प्रकार किसी भी महिला की सफलता में उसके परिवारजनों का योगदान होता है।
रूचिका गोधा ने विशय विषेशज्ञा का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया। तकनीकी सत्र के दौरान मानवीन कन्सल्टिंग इनकॉर्पोरेशन की डॉ. मनीषा अग्रवाल ने पावर पॉइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से प्रतिभागी महिलाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में आगे आने के लिये स्वयं को जागरूक बनाने तथा अपने आपको बेहतर ढंग से समझते हुए निर्णय लेने की क्षमता बढाने के उपाय बताए। डॉ. मनीषा ने जीवन में तनाव एवं असंतुष्टि के भाव पर नियंत्रण पाने तथा अपने जीवन को उद्देष्यपूर्ण एवं सार्थक बनाने के उपायों पर प्रशिक्षण प्रदान किया। साथ ही इच्छाषक्ति को बढाने के लिये डॉ. मनीषा ने कुछ तकनीकें बताई जो कि उद्यमिता के क्षेत्र में आने की इच्छुक महिलाओं को स्वयं के निर्णय लेने में सहायक सिद्ध होंगी। डॉ. मनीषा ने कहा कि महिलाओं को अपनी आदतों को बदलना एवं स्वयं के प्रति जागरूकता को बढ़ाना होगा जिससे वे सफलतापूर्वक व्यावसायिक क्षेत्र में अपना सक्रिय योगदान दे सकें। संचालन महासचिव जतिन नागौरी ने किया।