तेरापंथ युवक परिषद का अभिनव सामायिक कार्यक्रम
आचार्य महाश्रमण की वाणी में हुआ लाइव टेलीकास्ट
उदयपुर। जप, ध्यान, स्वाध्याय और योग भी सामायिक के ही भाग हैं। इसमें भजनों का भी उल्लेख होता है। भजनों में तीर्थंकरों का उल्लेख होता है। जैन परिवारों में सामायिक का बड़ा महत्व होता है। इसे प्रतिदिन करना चाहिए। इससे मन, वचन, काया से अषुद्धि निकल जाएगी। शुद्ध उपयोग करें। सामायिक से संयम की साधना होती है।
ये विचार शासन श्री मुनि राकेष कुमार ने व्यक्त किए। वे रविवार को तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में विषाल अभिनव सामायिक समारोह केा संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण की वाणी में प्रोजेक्टर पर 48 मिनट की इस आराधना सुनकर सम्पूर्ण श्रावक समाज अभिभूत हो गया। आचार्य महाश्रमण ने प्रोजेक्टर पर हुए इस लाइव टेलीकास्ट में कहा कि मन से चिंतन करें। यह मुक्ति साधना का योग करें। सामायिक के नियमों का पालन न किया हो, समय से पूर्व सामायिक किया हो तो उसे क्षमा करें। उन्होंने सामायिक का अनुष्ठान कराया।
मुनि राकेष कुमार ने कहा कि तेरापंथ युवक परिषद का यह अभिनव सामायिक का प्रयास सराहनीय है। इसमें समय का सुनियोजित विभाजन किया गया है। जयाचार्य का महत्वपूर्ण ग्रंथ चौबीसी है। चौबीसी के कुछ पदों का आज संगान भी किया गया। सामायिक में प्रवृति-निवृति का संतुलन होता है।
मुनि दीप कुमार ने कहा कि सामायिक वह है जो समय को समझ लें। समय कभी किसी के लिए नहीं रुकता। सामायिक वर्तमान में जीना सिखाती है। घृणा से दूर करती है। जैन परंपरा में सामायिक का अपना बहुत महत्व है। सामायिक की साधना सबसे सरल है।
मुनि सुधाकर ने कहा कि आत्मा सामायिक है। सामायिक का तात्पर्य बताते हुए उन्होंने कहा किा आत्मा में रमण करना है। सामायिक के लिए दो बातें शुद्ध उच्चारण एवं सामायिक का अर्थ बोध होना महत्वपूर्ण है। सामायिक नकारात्मक विचारों से दूर रखती है। आत्म निर्जरा का यह अनुपम साधन है।
तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष दीपक सिंघवी ने स्वागत करते हुए कहा कि आचार्य श्री के सान्निध्य में सामायिक करना अपने आप में एक महती अनुभूति है। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय स्तर पर 6 सितम्बर को टेलेंट हंट स्पर्धा का आयोजन होगा। तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष चंदा बोहरा ने कहा कि मुनि राकेष कुमार रचित राग से विराग की ओर पुस्तक पर स्पर्धा का आयोजन किया जाएगा। यह स्पर्धा 23 अगस्त से चार चरणों में होगी।
समारोह का आरंभ मुनि राकेष कुमार के नमस्कार महामंत्र से हुआ। मंगलाचरण में विजय गीत रवि बोहरा, प्रणव कोठारी, साजन मांडोत ने प्रस्तुत किया। आभार तेयु पके संगठन मंत्री विकास बोथरा ने जताया वहीं संचालन मंत्री अजीत छाजेड़ ने किया।