शीलकुंवरजी म.सा. की 104वीं जन्म जयन्ती मनाई
जीव दया की प्रतिमूर्ति थी : गणेश मुनि
उदयपुर। श्री वर्धमान जैन श्रावक समिति हिरण मगरी सेक्टर 3 द्वारा विद्या निकेतन सभागार में गुरूणीमैय्या शीलकुंवर म.सा. की 104वीं जन्म जयन्ती हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी।
इस अवसर पर आयोजित विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्र संत प्रर्वतक गणेश मुनि म.सा. ने कहा कि महासती शीलकुंवरजी के मन में करूणा का जो झरना प्रवाहित हो रहा था वह उनके द्वारा शुरू की गई महावीर जैन गौशाला, उमरणा मे देखने को मिलता है। यह गौशाला जीव दया की प्रतिमूर्ति हैं जहां आज हजारों गौ माताओं का संरक्षण हो रहा हैं साथ ही ऐसी गाय जो शारीरिक रूप से अपंग हैं जिन्हे लोग कत्लखाने ले जाते हैं ऐसी गौ माताओं को भी इस गौशाला मे संरक्षित रखा गया है।
जयन्ती समारोह मे उप प्रवर्तक सुकन मुनि ने कहा कि आज हम महासती शीलकुंवर म.सा. की 104वीं जन्म जयन्ती पर हमें यह जानना जरूरी हैं कि आखिर उनकी जयन्ती इतनी महत्वपूर्ण क्यो है? उन्होंने महासती शीलकुंवरजी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जीवन उज्जवल प्रकाश की राह है, उन्होंने ज्ञान का, धर्म का, संयम का ऐसा प्रकाश चंहु और फैलाया कि जन-जन उनको याद करता है। महासती शीलकुंवरजी ने मेवाड़ की धरा पर जन्म लिया, संयम लेकर शुभ कार्य किये, स्वाध्याय संघ, उमरणा गौशाला की स्थापना की और जीवन का संयम का सार संथारा और संलेखना करके जीवन को धन्य किया। जगह- जगह धर्म के कार्य करते हुए जीवन पर्यन्त समाज की, धर्म की सेवा की।
जिनेन्द्र मुनि काव्य तीर्थ म.सा. ने कहा कि महासती शीलकुंवरजी 13 वर्ष की आयु मे ही धर्म की राह पर अग्रसर होकर सम्पूर्ण जीवन धर्म का प्रचार करती रही। गांव-गांव मे जाकर धर्म का प्रचार किया और जहां जैन समाज ना होकर अन्य समाज था वहां भी रूक कर जैन समाज का प्रचार किया। समारोह में आयोजित कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए श्री वर्धमान जैन श्रावक समिति के अध्यक्ष श्याम झगड़ावत ने बताया कि समारोह में शहर के विभिन्न स्थानों परचातुमार्स कर रहे संतो का आगमन हुआ, साथ ही संत साध्वी वृंत ने शब्दों के द्वारा महासती शीलकुंवर को भावांजली दी। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रात: 7 बजे सामूहिक तेला पारणा से हुआ जिसमे 600 से अधिक पारणे हुए पारणों का लाभ गोगुन्दा निवासी रोशनलाल मेहता ने लिया।। मंगलाचरण के बाद समाज सेवी दिनेश मेहता एवं पूर्व जिला प्रमुख मधु मेहता एवं अतिथियों द्वारा झण्डा रोहण के बाद महासती शीलकुंवरजी म. सा. का 104वीं जन्म जयन्ती समारोह मनाया गया जिसमे मुनियों के प्रवचनों की निरन्तर बह रही रसधारा का हजारों धर्म प्रेमियों ने लाभ लिया। कार्यक्रम के अन्त मे गौतम प्रसादी का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जैन कांफ्रेंस दिल्ली के मंत्री संजय भण्डारी, समिति के जीवन सिंह मेहता, चातुर्मास संयोजक दयालाल हरकावत, सचिव जीवनसिंह मेहता, भंवर सेठ, संत-साध्वीवृंद एवं धर्म स्नेही उपस्थित रहे।