उदयपुर। शहर के प्रख्यात रंगकर्मी, अभिनेता, निर्देशक एवं बांसुरी वादक हेमंत पंड्या “दादू“ की स्मृति में नादब्रह्म की ओर से प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी 13 सितम्ब र को रंगांजलि का आयोजन किया जाएगा। इस बार नाटक “आखि़र इस मर्ज़ की दवा क्या है…?“ की प्रस्तुति दी जाएगी। भानु भारती लिखित नाटक नाटक का निर्देशन शहर के रंग-निर्देशक शिवराज सोनवाल ने किया है।
उल्लेखनीय है कि नादब्रह्म द्वारा हर वर्ष आयोजित दादू को समर्पित यह आठवीं रंगांजलि है। आठ वर्षो में रंगांजलि के अंतर्गत आयोजित नाट्य समारोह में लगभग दस नाटकों का प्रदर्शन किया जा चुका है जिनमें प्रमुख नाटक “दादू“ लिखित एवं निर्देशित “मन-मरीचिका” एवं “शब्दबीज“, “मुग़लों ने सल्तनत बख़्श दी “, “रोटी का जाल “, “हवालात “, सावधान! हम आत्महत्या करते है “, “माँ मुझे टैगोर बना दे “, “कोर्ट मार्शल “ आदि प्रमुख हैं।
हर वर्ष आयोजित होने वाले नाट्य समारोह “रंगांजलि“ में इस वर्ष सहयोग मिला है इन्हीं समान मूल्यों के लिए काम करने वाले मदन लीला परिवार सेवा संस्थान एवं नादब्रह्म की इस रंग यात्रा में सहभागी रहे डॉ. मोहनसिहं मेहता मेमोरियल ट्रस्ट। कुछ ऐसी ही पुरातनपंथी मूल्यों एवं समाज में व्याप्त आडम्बर व कुरीतियों पर अपने व्यंग्यात्मक अंदाज़ में चोट करता एक नाटक है “आखि़र इस मर्ज़ की दवा क्या है…? मंच सज्जा एवं प्रकाश परिकल्पना हेमंत मेनारिया व महेश आमेटा की है। मंचन विद्या भवन के ऑडिटोरियम में 13 सितम्बर शाम सायंकाल साढ़े सात बजे से होगा।