उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड विश्वविद्यालय को पांच साल की गुणवत्ता निर्धारण प्रमाण पत्र की महत्वपूर्ण बैठक प्रशासनिक भवन के सभागार में कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत की अध्यक्षता में हुई।
अकादमिक प्लानिंग, मोनिटरिंग एंड आईक्यूएससी के निदेशक प्रो. जीएम मेहता ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश की परीकल्पना में विश्वविद्यालय को नेक एक्रीडेशन वर्क एसएस आर ( सेल्फ स्टडी रिपोर्ट ) तेयार कर जल्दी से जल्दी नेक कार्यालय में भिजवानी है। कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने प्रो. मुक्ता शर्मा को नेक का कोर्डिनेटर व डॉ. मंजू मांडोत को सहसंयोजक बनाया है। इसके अतिरिक्त 41 सदस्यों की टीम बनाई जो विभिन्न महाविद्यालयों की रिपोर्ट तैयार करेंगे। बैठक में सभी संकायों के सदस्य उपस्थित थे।
इसलिए जरूरी है नेक का दौरा : नेशनल एसेसमेंट एण्ड एक्रीडेशन काउन्सिल (नेक) के बाद भी यूजीसी विश्वविद्यालय को दी जाने वाले अनुदान को स्वीकृत करती है। नेक टीम के दौरे से संस्थान के मजबूत एवं कमजोर पक्ष का भी पता चलता है। विश्वविद्यालय की क्वालिटी एज्यूकेशन में हो रहे बदलाव भी साझा होते है। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के लिए वे निर्धारित मापदण्ड पर वे खरे उतर है या उनमें कोई कमी है आदि स्थितियां स्पष्ट हो जाती है।