दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम कार्यशाला का समापन
उदयपुर। नए पाठ्यक्रम पर प्रश्नर पत्रों के अनुसार समूहों में चर्चा होनी चाहिए। पाठ्यक्रम नया है। हम विद्यार्थियों के लिए पठन सामग्री कहां से जुटाएं प्रेक्टिस टिचिंग, प्रायोगिक कार्य कैसा करवाने हैं, ड्रामा एवं कला शिक्षा का नए पाठ्यक्रम में समावेश हुआ है, इसकी क्या और कैसे तैयारी करनी चाहिए जैसे मुद्दों पर चर्चा के साथ यहां मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में दो दिवसीय ‘‘दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में अहम मुद्दे‘ विषयक कार्यशाला शनिवार को आरंभ हुई।
सुविवि के शिक्षा संकाय की ओर से आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने किया। कार्यशाला समन्वयक प्रो. साधना कोठारी ने बताया कि रविवार को प्रथम सत्र में विद्या भवन गांधी शिक्षा अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रो. एमपी शर्मा, दूसरे सत्र में डा. मनीष सक्सेना, तीसरे सत्र में डा. कय्यूम अली बोहरा तथा चौथे सत्र में निम्बार्क शिक्षक महाविद्यालय के प्राचार्य डा. सुरेन्द्र द्विवेदी ने विचार व्य क्तक किए। डा. किरण गेरा ने स्वयं पर अवधान विषय पर वृहद चर्चा की। महारानी गर्ल्स शिक्षक महाविद्यालय से डा. राजेश मंत्री ने इंटर्नशिप के आयामों पर विचार व्यक्त किए। डा. आदेश भटनागर ने पाठ्यक्रम में भाशा का स्वरूप विशय पर संभागियों की जिज्ञासाओं को शांत किया। संचालन डा. प्रदीप पानेरी, डॉ. नरेश पालीवाल व डा. वत्सला पडलिया ने किया। अंत में धन्यवाद डा. सुरेन्द्र द्विवेदी ने दिया।