उदयपुर। जिला पर्यावरण समिति की बैठक में उदयपुर शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में प्रभावी प्रयास करने को लेकर हुई बैठक में शहर में धुआं छोड़ रहे टेम्पो को शहर के लिए खतरनाक बताया गया।
अध्यक्षता करते हुए एडीएम छोगाराम देवासी ने कहा कि इसके लिए ‘‘पॉल्यूशन अंडर कन्ट्रोल‘‘ (पीयूसी) मोबाइल यूनिट्स सख्ती से कार्रवाई करें। साथ ही मानक से परे चल रहे वाहनों के खिलाफ कानूनी प्रावधान अमल में लाए जाए।
उन्होंने शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को शहर के स्मार्ट सिटी के अनुरूप लागू करने की दिशा में सामूहिक प्रयासों पर बल दिया। उन्होंने आयड़ नदी को प्रदूषण रहित करने की योजना के संबंध में बताया कि ट्रीटमेंट प्लांट एवं गंदे पानी के प्रवाह को रोकने के कारगर कदम प्रशासन उठा रहा है। शहर में धड़ल्ले उपयोग में लाये जा रहे पॉलिथिन कैरी बेग्ज की प्रभावी रोकथाम के लिए एडीएम ने प्रदूषण नियंत्रण मण्डल को बड़े गोदामों पर आकस्मिक छापे मारने तथा थोक विक्रताओं पर पैनी नजर रखते हुए दण्डात्मक कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश दिए। उन्होंने गुजरात से बड़ी मात्रा में आने वाले पॉलिथिन उत्पादों की रोकथाम के लिए अन्तर्राज्यीय सीमा पर भी कड़ी नजर रखने को कहा। सदस्यों ने पॉलिथिन की रोकथाम हेतु साइन्ज व जनजागरूकता के लिए गतिविधियां चलाने तथा ईको फ्रेंडली कैरी बैग्ज़ मार्केट में उतारने के लिए एनजीओ एवं खादी संस्थाओं द्वारा पहल करने की जरूरत बताई।
शहर की पहाडि़यों पर अवैध कब्जे एवं पर्यावरण को क्षति पहुंचाने से रोकने के मुद्दे पर एडीएम ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों पर यूआईटी बोर्ड बैठक में इस पर चर्चा कर ली गई तथा इस पर 80 फीसदी कार्य हो चुका है। अवैध बजरी परिवहन पर प्रभावी रोक की दिशा में बताया गया कि इसके लिए निरोधक दल नियमित कार्य कर रहे हैं। अब तक 164 प्रकरण दर्ज कर 26 मामलों में एफआईआर लगाई गई है। एनजीटी से लगी रोक हटने पर इसका स्थायी हल निकल सकता है।
बैठक में समिति सदस्य सचिव ओपी शर्मा ने बताया कि वर्षाकाल में 7197 हैक्टेयर क्षेत्र में 50.98 लाख पौधे रोपे गये। आमजन को 5 रुपये में एवं सरकारी विभागों को एक रुपये की दर पर वन विभाग पौधे उपलब्ध करवा रहा है। बैठक में सदस्यों ने ट्रैफिक लाइट सिस्टम के विस्तार, नाकारा अवधिपार वाहनों की रोकथाम, झीलों में मत्स्याखेट पर स्थायी प्रतिबंध लगाने, कारखानों, औद्योगिक इकाइयों द्वारा फैल रहे प्रदूषण की प्रभावी रोकथाम आदि को लेकर सुझाव दिये गये। बैठक में जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक विपुल जानी, आरसीएचओ डॉ.रमेशचंद्र शर्मा, पन्नाधाय चिकित्सालय अधीक्षक डॉ.पूनम पोसवाल, जिला शिक्षाधिकारी शिवजी गौड़ सहित प्रदूषण नियंत्रण मंडल, खान एवं भू विज्ञान, नगर निगम, वन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।