पहली बार खुलकर महापौर के सामने बोले पार्षद
उदयपुर। नगर निगम में गुरूवार को स्मार्ट सिटी के लिए पार्षदों के सुझाव के लिए हुई बैठक में पार्षदों ने जोरदार हंगामा किया। स्मासर्ट सिटी की बात तो दूर रह गई। पार्षदों ने अधिकारियों द्वारा उनकी बात नहीं सुनने और वार्ड में कुछ काम नहीं होने को लेकर महापौर को खुलकर सुनाई। पूरी बैठक में महापौर पार्षदों को समझाने का प्रयास ही करते रहे।
बैठक से पहले ही पार्षदों में असंतोष था। अधिकांश पार्षदों के वार्ड में काम नहीं हो रहे है और कईयों के वार्ड में टेण्डर तक नहीं हुए। इससे पार्षदों में आक्रोश व्याप्त था। महापौर की शह के कारण अधिकारी भी किसी भी पार्षद को सुनने को तैयार नहीं है और ना ही कोई काम करने के लिए तैयार है। अधिकांश अधिकारी तो पार्षदों के फोन तक नहीं उठाते थे जिससे पार्षद काफी परेशान हो चुके थे और अपने वार्ड की जनता को जवाब तक नहीं दे पा रहे थे। उपर से महापौर चन्द्रसिंह कोठारी तो किसी की भी नहीं सुनते हैं।
स्मार्ट सिटी को लेकर पर्चे बांटने शुरू हुए कि निर्माण समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने अपनी बात कहना शुरू कर दिया। जो कागज नगर निगम ने दिए, वे तीन दिन से व्हाट्सअप पर चल रहे थे। वरिष्ठ पार्षद के विरोध करते ही दूसरे पार्षदों ने भी खड़े होकर वार्डों में विकास काम नहीं होने का आरोप लगाया। पहले ही प्रताडि़त जगत नागदा ने जोरदार विरोध करते हुए कहा कि निगम में कभी किसी पार्षद का काम नहीं हो रहा है।
पार्षदों का विरोध शुरू होते ही महापौर चन्द्रसिंह कोठारी भी सन्न रह गए। इस बोर्ड की यह चौथी बैठक है और पहली बार बैठक में महापौर को विरोध झेलना पड़ रहा था। महापौर कोठारी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था और वे कुछ बोल नहीं पा रहे थे। बार-बार पार्षदों को शांत रहने के लिए कह रहे थे, परन्तु वास्तव में परेशान पार्षद अपनी बात लगातार कह रहे थे।