दृश्या कला विभाग में कलागुरु सुमहेन्द्र की स्मृति में
उदयपुर। जयपुर में 40 वर्ष पूर्व कलागुरु स्वत. एमके शर्मा सुमहेन्द्रह द्वारा स्थाभपित कला संस्थाप ‘कलावृत’ के तत्वाववधान में राजसथान विश्वकविद्यालय के दृश्य कला विभाग में पांच दिवसीय लघु चित्रकला शिविर का उद्घाटन 5 अक्टूबर को होगा।
कलावृत के अध्यक्ष संदीप सुमहेन्द्र ने बताया कि ऐसे शिविर का मुख्य उद्देश्य लुप्त होती इस परम्परागत कला से युवा कलाकारों एवं कला विद्यार्थीयों को जोड़ने एवं इससे जुड़ी मिनिएचर पेंटिंग के लिए अति आवश्यक सूक्ष्मातिसूक्ष्म तकनीक की जानकारी विद्यार्थियों और कला के जिज्ञासुओं को दिलाना है ताकि कला और कलाकारों के बीच परम्परागत कला के साथ नयेपन का एहसास होता रहे और इस कला का परमपरागत एवं समसामयिक दोनों रुपों में विकास हो।
उन्होंने बताया कि राजस्थान विश्वविद्यालय के सहयोग से इस शिविर का आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य़ उनके मिनिएचर के अतिरिक्त अन्य दूसरी कलाओं के छात्रों को भी परम्परागत कला और उसके तकनीक जिसमें ‘वसली’ (मिनियेचर पेटिंग में उपयोग होने वाला विशेष प्रकार का पेपर) को तैयार करने से लेकर उसमें रंग भरने और उसको रुपायित करने की तकनीक सिखाना है। इसके लिए प्रदेश के ख्याति प्राप्त कलाकार जैसे पद्मश्री एस शाकिर अली, जयशंकर शर्मा, विरेन्द्र बन्नु, शमी बन्नु, कैलाश शर्मा, दामोदर गुजर, शिवशंकर शर्मा, खुश नारायण जांगिड़, संजीव शर्मा, हरशिव शर्मा, रामवतार सोनी, गिरधर लाल खींची, मोहन लाल सोनी, नरेन्द्र सोनी, जयपुर, शंभु सिंह चोबदार, डी.पी. काबरा, अन्नु सिंह धाकड़, इत्यादि प्रख्यात कलाकारों के साथ प्रदेश के युवा कलाकार एवं कला विद्यार्थी भी इस शिविर में भाग लेंगे।
दृश्य कला विभाग के अध्यक्ष रजत पण्डेल ने बताया कि कला के माध्यम से देश की दृश्य कला परम्पराओं को जानना, समझना ओर उससे प्रभावित होकर समसामयिक कला के विकास के लिये युवा कलाकारों एवं कला विद्यार्थियों का उद्देश्य होना चाहिये जिससे हम अपनी परम्परागत कला को भी नये आयाम दे सके, इसी उद्देश्य को लेकर दृश्य कला विभाग इस शिविर का आयोजन कर रहा है।