आज से अंतरराष्ट्रीय मानक युक्तु नये परिसर में
उदयपुर। पिछले 5 वर्षों में देश की सर्वश्रेष्ठ आधुनिक तकनीकीयुक्त आईवीएफ के जरिये अब तब इन्दिरा आईवीएफ सेन्टर देश भर के 6 हजार से अधिक दम्पत्तियों की सूनी गोद भर कर उनके रंगहीन जीवन में सतंरगी खुशियंा घोल दी। इन्दिरा आईवीएफ बुधवार 21 अक्टूबर से एम.बी. कॉलेज के सामने स्थित नये परिसर में स्थानान्तरित होगा। सेन्टर का उद्घाटन राज्य के गृह मंत्री गुलाबचन्द कटारिया करेंगे।
इन्दिरा आईवीएफ सेन्टर के प्रबन्ध निदेशक डॉ. अजय मुर्डिया ने यहां आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि पिछले 5 वर्षो में जनता के हित में विश्व की सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ आधुनिक तकनीकी लाने वाला देश का यह एक मात्र सेन्टर है। जिसने कम खर्चे में नि:संतान दम्पत्तियों की अच्छी से अच्छी सेवा कर उनकी सूनी गोद भरने का प्रयास किया। सेन्टर ने वर्ष 2011 में इस सेन्टर में विश्व की सर्वश्रेष्ठ तकनीकी क्लॉज्ड वर्किंग चेम्बर ले कर आये उसके बाद यहां इलाज कराने वाले दम्पत्तियों में सफलता का प्रतिशत अधिक बढ़ गया।
उन्होंने बताया कि शरीर एवं बाह्य वातावरण में प्रतिकूलता के कारण अनेक बार अण्डे एवं शुक्राणु के मिलने पर बनने वाला भ्रूण उच्च गुणवत्तायुक्त नहीं बन पाता है। जिस कारण इसकी सफलता के परिणाम कुछ हद तक प्रभावित रहते है। इसको ध्यान में रखते हुए इन्दिरा आईवीएफ ने विश्व सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ तकनीकी क्लॉज्ड वर्किंग चेम्बर्स को अपने यहां स्थापित किया जिसमें शरीर एवं आन्तरिक तापमान में समानता लायी जाती है, जिससे आईवीएफ की सफलता का प्रतिशत बढ़ जाता है।
उन्होंने बताया कि इन्दिरा आईवीएफ ने कुछ माह में देश के विभिन्न शहरों दिल्ली, पूना, पटना व जयपुर में सेन्टर खोले है ताकि नि:संतान दम्पत्तियों को इलाज कराने इन्दिरा आईवीएफ के अपने नजदीकी सेन्टर पर जाने में आसानी रहे। इन सभी सेन्टर पर समान रूप से एक ही प्रकार की क्लॉज्ड वर्किंग चेम्बर की तकनीक काम में ली जा रही है। जिसमें सफलता मिलने में किसी प्रकार की कोई गुंजाईश नहीं रहे।
डॉ. क्षितिज मुर्डिया ने बताया कि नव परिसर को पूर्णतया क्लीन एनवायरमेन्ट के रूप में ही रखा जाएगा। यदि कहीं क्लीन एनवायरमेन्ट नहीं होता है तो वह एनवायरमेन्ट आईवीएफ को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने बताया कि इनिदरा आईवीएफ क्लिनिक में महिलाओं में पायी जाने वाली जटिल बीमारियों बच्चेंदानी में गठान व मस्से होना, नलियों में रूकावट या इन्फेक्षन होना तथा पीसीओडी के ऑपरेशन अब दुरबीन से किये जाने की अत्याधुनिक सुविधा भी यहंा उपलब्ध है।
डॉ. क्षितिज ने बताया कि इन्दिरा आईवीएफ ने वर्ष 2014 से पूरे देश में एक अभियान ‘नि:संतानता भारत छोड़ो’ चला रखा है। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य जनता को नि:संतानता के प्रति जागरूक करना है। इसके तहत अब तक पूरे देश के 50 से अधिक शहरो में 100 से अधिक नि:शुल्क परार्मश शिविर आयोजित किये जा चुके है। इन शिविरों से 20 हजार से अधिक नि:संतान दम्पत्ति लाभ उठा कर इसके ईलाज के बारें में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर चुके है।