सदा डांस एकेडमी का उदघाटन आज
उदयपुर। यूं तो कई डांस एकेडमी उदयपुर में कार्यरत हैं और कुछ बंद हो चुकी हैं लेकिन हमारा उद्देश्यर न सिर्फ यहां की छिपी प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना बल्कि नृत्यए के माध्यम से उन्हें अपने कैरियर के प्रति जुझारू बनाना है ताकि वे भले ही नृत्य् को अपना कैरियर न बनाएं लेकिन जिस भी क्षेत्र में जाएं, वहां उनकी लगन, मेहनत और जुझारूपन उन्हें यथोचित स्थान दिला सके।
कुछ ऐसा ही मानना है उदयपुर के एरोबिक मास्टर से शुरूआत कर अब कोरियोग्राफी के क्षेत्र में अपना मकाम बनाने वाले सुमित लेखारी का जो उदयपुर के बच्चोंस, युवाओं के लिए सदा नामक एकेडमी की शुरूआत कर रहे हैं। एकेडमी का उद्घाटन रविवार को दो स्थानों पर होगा। रविवार सुबह 11.30 बजे अपेक्षा अपार्टमेंट्स से. 11 में एकेडमी का उदघाटन डिप्टी रानू शर्मा करेंगी। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. प्रदीप कुमावत एवं डॉ. सरोज शर्मा मौजूद रहेंगे वहीं शाम को 4 बजे भूपालपुरा थाने के पास रोड नं. 5 पर होने वाले उदघाटन कार्यक्रम में मनीष कपूर, डॉ. सरोज शर्मा एवं प्रवीण रातलिया शिरकत करेंगे।
लेखारी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि बच्चोंघ और युवाओं को हर प्रतियोगिता के लिए बुनियादी रूप से तैयार करना हमारा उद्देश्ये है। इसके लिए हम प्रत्येक 3 माह में एक इवेंट का आयोजन करेंगे, ताकि एकेडमी में होने वाले डांसेज से बच्चों की त्रैमासिक रिपोर्ट मिलेगी। जहां कमियां होंगी, उन्हें सुधारने का हरसंभव प्रयत्न करेंगे और अच्छे को और बेहतर बनाने का प्रयत्न करेंगे।
लेखारी ने बताया कि डांस एक परिपक्व और खूबसूरत कला है जिसके माध्ययम से हम समाज में सकारात्मक एवं रचनात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहे हैं। शुरुआत एरोबिक ट्रेनर के रूप में हुई लेकिन जब एरोबिक के माध्यम से डांस का सैद्धान्तिक और व्यावहारिक पक्ष समझ में आया तो नृत्य ने ऐसा जकड़ा कि जीवन ही बदल गया। बुनियादी रूप से डांस का ज्ञान लिया। ज्यादातर यह कला मैंने खुद ही सीखी या कह सकते हैं कि खुद को सिखाई है। डांस के लिए मेहनत और जूनून ने अच्छे पड़ाव भी दिलाए। इसी का परिणाम है कि मैं आज भी अपने लक्ष्य को जिन्दा रख पाया हूं। मेरी डांस तकनीक और अभिव्यक्ति का मूल आधार आजकल की बदलती सामाजिक परिस्थितियां है। मूल्यों में आए बदलाव, यूथ की भूमिका आदि जवलन्त समकालीन विषय हैं जो रचनात्मक रूप से मेरी डांस कला का दार्शनिक पहलू है। जब आप सपनों को पूरा करने में जुटते हैं तब उस मंजिल को पाने में उतना आनंद नहीं जितना वहां तक पहुंचने की प्रक्रिया में है। जिंदगी में अपने अनुभवों के आधार पर डांस की खुद की एक शैली विकसित करने में जुटा हूं। यह शैली एक चिंतन है जो आपको शारीरिक और मानसिक सुकून देती है। इसमें कंटेम्पररी जैज़ और एक्रोब्राटिक का रोमांटिक मिश्रण है। यह अपने आप में एक अदभुत चीज़ है। यह जीने की कला है। यह लडऩे की कला है।
सदा के माध्यम से हम समाज में व्याप्त विषमताओं और बुराइयों को दूर करने का भरपूर प्रयास करेंगे। डांस में एक ऐसी शक्ति है जो लोगों को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है। यह आंखों को सुहाती है, मन को भाती है, दिल को छूती है, आत्मा को आत्मा से जोड़ती है। डांस की और भी कई अनगिनत खूबियां है। इन्हीं सब विशेषताओं का फायदा उठाते हुए हम अपने महती कार्यक्रमों से समाज और यूथ के लिए अनेक रचनात्मक, सृजनात्मक और कल्याणकारी कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। हम समाज और यूथ के प्रति अपनी जिम्मेदारियो को समझते हुए कुछ ऐसे कार्यक्रमों को लागू करेंगे जिनका प्रमुख ध्येय समाज में नृत्य व कला के प्रति स्वस्थ वातावरण का निर्माण करना है।
लेखारी ने बताया कि वे आतिफ असलम, रवीन्द्र उपाध्यााय एवं मौली दवे के साथ परफॉर्म कर चुके हैं। शो के लिए हॉलीवुड एक्ट्रेस जूलिया ब्लीस को कोरियाग्राफ किया। प्रायश्चित नामक शॉर्ट फिल्मस में लीड रोल किया जो दिल्ली इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीेवल में टॉप 3 में रही। कई सारे राज्य स्तरीय शो में जज के रूप में काम किया। अब तक करीब दस हजार से अधिक बच्चों को डांस सिखा चुके हैं। इसके अतिरिक्त रॉयल वेडिंग्सी में कई बार कोरियोग्राफी कर चुके हैं।