फैशन शो में अभिभूत हुए जयपुराइट्स
ग्रामीण सखियों की 45 दिनों की मेहनत को देश की जानी मानी मॉडल्स ने रैंप पर देशी अंदाज में जीवंत किया
जयपुर। जरी, गोटा-पत्ती, जरदोज़ी और हाथ के हुनर से बने रंग बिरंगे परिधान और साथ में राजस्थानी धुनों पे रैंप पर वॉक करती देश की जानी मानी मॉडल्स जिसे देखने वाले हर शख्स ने मुक्तकंठ से प्रशंसा कर सराहा। मौका था हिन्दुस्तान जिंक के पहले ‘सखी‘ फैशन शो का जिसमें ग्रामीण महिलाओं की 45 दिनों की कडी मेहनत के बाद 62 परिधानों को प्रदर्शित किया गया और इसका गवाह बनी पिंकसिटी।
इसमें करीब शहर की 450 जानी-मानी हस्तिया, दिल्ली और मुम्बई से मशहूर फैशन डिजायनर एवं जयपुर शहर के फैशन मैनेजमेंट कॉलेज के विद्यार्थी शामिल हुए।
खचाखच भरे हॉटल क्लार्क आमेर के ऑडिटोरियम में फैशन शो के मुख्य अतिथि गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने हिन्दुस्तान जिंक को फैशन शो के लिये बधाई दी। फैशन शो में महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक की सखी टीम ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाएं गये इस कदम के लिये बधाई के पात्र है हिन्दुस्तान जिंक के ‘‘सखी‘‘ परियोजना के जरियें ग्रामीण महिलाओं को सशक्तीकरण का ये कदम इन महिलाओं के सपनों को सच करने के लिये मील का पत्थर साबित होगा।
बेटी बचाओ अभियान की ब्राण्ड एंबेसेडर दीया कुमारी ने कहा कि स्वयं सहायता समूह के क्षेत्र में हिन्दुस्तान जिंक का कार्य अद्वितिय है जो कि वर्तमान में राजस्थान में 5 जिलों में है इस तरह कि परियोजना उनके कार्यक्षेत्र सवाईमाधोपुर एवं अन्य जिलो मे भी शुरू होनी चाहिए ताकि सखी के जरिये अन्य महिलाएं भी लाभन्वित हो सके।
जाने-माने फैशन डिजायनर जतीन कोचर एवं अन्य डिजायनर राजदीप राणावत, गौरव गुप्ता एवं आनन्द भूषण इस शो के दौरान उपस्थित रहे, वहीं वर्ष 2014 की मिस इण्डिया कोयल राणा इसकी शो स्टोपर थी। फैशन के दौरान महिलाओं के परिधान आकर्षण का केन्द्र रहे। ये परिधान किसी भी नामी डिजायनर के परिधानों से कम नही लग रहे थे। इस शो में अजमेर जिले के गंगवाना और कायड़ की 50 ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाए गये परिधानों को रैंप पर जब मशहूर एशियन कोरियोग्राफर रश्मि विरमानी के निर्देशन में 16 मॉडल्स ने 6 राउण्ड में प्रस्तुत किया तो पूरा ऑडिटोरियम तालियों से गूंज उठा।
शो के दौरान स्कूल यूनिफार्म पहने बच्चे माडल्स के अंदाज में ताल से ताल मिलाते जब रैम्प पर वॉक करते हुए दिखे तो उनके इस अंदाज पर सभी अतिथियों ने प्रोत्साहन कर तालियां बजाई।
हिन्दुस्तान जिंक के सखी परियोजना के हेड पवन कौशिक ने बताया कि हिन्दुस्तान ज़िंक के ‘सखी’ परियोजना के तहत हमारा उद्देश्या है कि देश भर से फैशन डिजायनरों एवं फैशन विशेषज्ञों की सहायता से कारीगरों के लिए एक केन्द्र बने। जो कि देश के सभी डिजायनर एवं फैशन से जुडे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साबित होगा। क्लस्टरों के माध्यम से हिन्दुस्तान जिंक का उद्देश्या ग्रामीण महिलाओं को पर्याप्त रोजगार उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि इस कला से हजारों ग्रामीण महिलाएं प्रोत्साहित हुई है।
जिंक बिजनेस के प्रेसीडेंट एवं हिन्दुस्तान जिंक के निदेशक मण्डल में पूर्णकालिक निदेशक अखिलेश जोशी ने बताया कि अभी हाल ही में 3055 आंगनवाडियों को हिन्दुस्तान जिंक ने अपनाया है जिनके बच्चों की स्कूल यूनिफार्म एवं बैठने के लिये दरिया ‘सखी‘ ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित होगी। वेदांता ने हाल ही में बाल विकास एवं महिला उत्थान हेतु देश में 4000 नंद-घर बनाने के समझौते पर हस्ताक्षर किये। ‘सखी’ फैशन शो के दौरान परिधानों को अंतिम रूप देने का काम स्टाईलिस्ट जॉयजीत ने किया। नेशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलोजी (निफ्ट) की पूर्व डीन एवं भारत की पहली फैशन फेकल्टी आशा बक्षी, महिला अधिकारिता विभाग की निदेशक रीचा खोड़ा, हिन्दुस्तान जिंक के प्रेसिडेंट प्रोजेक्टस नवीन सिंघल, हेड कार्पोरेट अफेयर्स सीएस आर मेहता, हेड एच आर संजय शर्मा सहित जिंक के अधिकारी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्तान जिंक 2006 से स्वयं सहायता समूह के माध्यम से राजस्थान में ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं के सषक्तिकरण के लिए कार्य कर रहा है। आज ये स्वयं सहायता समूह ‘सखी’ के नाम से लोकप्रिय हैं तथा ये महिलाएं ‘सखी’ स्वयं सहायता समूह से जुड़ गई हैं। ‘सखी’ महिलाओं की सामाजिक एवं आर्थिक स्थित को सुदृढ़ बनाने के लिए उत्पादित आधारित क्लस्टर्स को विकसित किया है। फैषनेबल परिधानों, स्कूल यूनिफॉर्म, होम फर्नीशिंग, मोमबत्तियां बनाना, मसाले, फर्ष मैट, आचार और पापड़, पेपर क्रॉफ्ट के क्लस्टर्स को पहले ही विकसित किया जा चुका है जिससे इन सैकड़ों ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं में सशक्तिकरण एवं महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा हैं।