राजस्थान की अदभूत प्राकृतिक सम्पदा, रोजगार का आधार
उदयपुर। राजस्थान राज्य प्राकृतिक सम्पदा से परिपूर्ण है तथा इसके सदुपयोग से लाखों रोजगार के अवसर पाये जा सकते हैं जो गरीबी को दूर करने में सहभागी साबित होंगे। वेदान्ता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने ये बात रिसर्जेन्ट राजस्थान के शुभारम्भ के अवसर पर कही।
अनिल अग्रवाल ने कहा कि राजस्थान, कनाड़ा और आस्ट्रेलिया जैसा है जिसे भारत का इग्लैण्ड जैसा भी बनाया जा सकता है। राजस्थान सरकार के सहयोग से खासतौर पर मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में वेदान्ता राजस्थान में अपने उद्योग का विस्तार कर रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में प्राकृतिक संसाधनो के प्रचूर भण्डारों की खोज और उन्हें सही तरह के उपयोग में लाने की आवश्यकता है।
अनिल अग्रवाल ने कहा कि वेदान्ता का राजस्थान में केयर्न इण्डिया के अंतर्गत ऑयल व गैस का तथा हिन्दुस्तान जिं़क के अंतर्गत जस्ता, सीसा व चांदी का उद्योग है। वेदान्ता समूह की इन दोनों कंपनियों ने हाल ही में, राजस्थान में 20,500 करोड़ रुपये का निवेश करने के समझोते के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये है। यह विस्तार 3 से 5 वर्षों में पूरा किया जाएगा जिसके द्वारा तकरीबन अतिरिक्त 7000 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
अग्रवाल ने कहा कि सहज प्रक्रिया, शीघ्र निस्तारण तथा न्यूनतम कार्य प्रणाली पर जोर दिया जाना चाहिए। प्राक्तिक संपदा के उपयोग से कई देशों ने अपनी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाया है। हर वर्ष भारत 600 बिलियन डॉलर का आयात करता है। इस आयात को कम करने का एक मात्र उपाय है घरेलू उत्पादन को बढ़ाना। राजस्थान में रॉकफास्फेट पोटाशियम ऑयल एवं गैस एवं जस्ता-सीसा, चांदी, मार्बल सहित प्रमुख प्राकृतिक सम्पदाओं को प्रचूूर भण्डार है। ऑक्शन द्वारा इन प्राकृतिक संपदाओं को उपयोग में लाकर भारत अपने आयात खर्च को काफी हद तक कम कर सकता है तथा इसी माध्यम से लोगो को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा सकते है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के उद्योग व उद्योगपति राजस्थान को पूरी तरह सहयोग करने के लिए कटिबद्ध है।
अनिल अग्रवाल ने उद्यमियों से मार्बल उद्योग में निवेश को बढ़ावा देने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि मार्बल उद्योग सीधे निवेश द्वारा व नये लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना द्वारा लाखों लोगो को रोजगार देने में सक्षम है। अनिल अग्रवाल ने कहा कि राजस्थान में सिल्वर पार्क बनाने की इच्छा व्यक्त कि और कहा कि हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा उत्पादित चांदी इन उद्योगों के स्थापना में उपयोग में लायी जा सकती है।