उदयपुर। एक ओर जहां नगर निगम के बोर्ड को एक वर्ष पूरा होने पर महापौर चन्द्रसिंह कोठारी कतिपय पत्रकारों को निगम में बुलाकर अपने एक वर्ष के कार्यकाल की सराहना कर आत्म मुग्ध हैं वहीं विपक्षी कांग्रेस ने एक वर्श को फेल करार दिया है। हकीकत से जनता भी रूबरू है कि जब वह महापौर के सामने जाती है तो मजदूर संगठन का 22 वर्ष का अनुभव रखने का बार बार उलाहना उन्हें दे दिया जाता है।
गुरुवार को निगम में कथित प्रेस वार्ता बुलाकर महापौर ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल की सराहना करते हुए कागज दिए। गत दिनों दिवाली मेले में भी महापौर कोठारी ने मेले को अब तक का सर्वोत्कृ ष्ट मेला बताते हुए पिछले सभी मेलों पर पानी फेर दिया था। आज भी पत्रकार वार्ता में उपमहापौर चुपचाप मंद मंद मुस्कराते रहे। सवालों के जवाब भी गोलमाल करके दिए और अंतत: कह ही दिया कि मतभेद तो चलते रहते हैं।
निगम के कर्मचारियों का मानना है कि हर बात में मजदूर संगठन के 22 साल का अनुभव होने की बात कहने वाले महापौर श्री कोठारी को पब्लिक डीलिंग की कुर्सी पर बैठने का पहला अनुभव है इसलिए वे कदाचित पचा नहीं पा रहे हैं। सिर्फ अपने आका को खुश करके वे मान रहे हैं कि सब कुछ सही चल रहा है। रही बात स्मार्ट सिटी की तो महापौर अपने कंधों पर यह बोझ लिए घूम रहे हैं कि उनके कार्यकाल में उदयपुर को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला जबकि इसके लिए उच्चस्तरीय प्रयासों से यह काम संभव हो पाया। अब इसे स्मार्ट सिटी का दर्जा दिलवाने के लिए किए जा रहे निगम के प्रयास भी नाकाफी ही साबित हो रहे हैं।
नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी के 5वें बोर्ड के एक साल पूर्ण होने पर शहर की जनता में निराशा का माहौल है। शर्मा ने बताया कि इस बोर्ड सहित नगर निगम में भाजपा को 21 वर्ष पूर्ण हो चुके है लेकिन भारतीय जनता पार्टी के इन तमाम बोर्डो ने शहर की जनता से जो वादे किये थे उस पर वो पूर्णतया असफल रहे है। पूर्व प्रतिपक्ष पार्षद दल के संयोजक केके शर्मा व प्रवक्ता मोहम्मद अयूब ने बताया कि शहर में बड़े काम तो दूर, मूलभूत सुविधायें भी उपलब्ध नहीं हो पाई है। खासकर सफाई व्यवस्था, सिवरेज व्यवस्था, स्ट्रीट लाईट आदि व्यवस्थाओं को लेकर शहर की जनता त्रस्त है। महापौर की बड़ी बड़ी हवाई बातें और वादे आज भी सड़क पर रेंग रहे हैं। जनता पार्षदों के चक्कर काट रही है और पार्षद महापौर के। महापौर एवं पार्षदो के खींचतान के चलते शहर का विकास पूर्णतया ठप्प पडा हुआ है और इनकी आपसी लडाई से सबसे ज्यादा नुकसान शहर की जनता को उठाना पड रहा है।