वैश्विक मानदण्डों के अनुरूप अपनी पहचान बनाएगा उदयपुर
उदयपुर। उदयपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के प्रयासों में डेनमार्क अपनी ओर से हरसंभव तकनीकि मार्गदर्शन एवं सहयोग प्रदान करेगा। इसके लिए डेनमार्क में स्मार्ट सिटी से संबंधित तमाम प्रकार के जरूरी तकनीकि विशेषज्ञों व कंसल्टेंट्स का दल उदयपुर आकर शहर की स्थानीय परिस्थितियों और जरूरतों तथा सभी संभावनाओं के परिप्रेक्ष्य में जानकारी लेगा तथा इसी के अनुरूप स्मार्टसिटी बनाने के लिए सुझाव तथा तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा।
उच्चाधिकारियों से विस्तृत चर्चा : यह जानकारी बुधवार को उदयपुर जिला कलक्टर चैम्बर में स्मार्ट सिटी से संबंधित महत्वपूर्ण बैठक में डेनमार्क के एम्बेसेडर पीटर टेक्सोजेंसन एवं कांउसलर निस गेलर्ट ने दी। बैठक में उदयपुर नगर निगम के महापौर के चन्द्रसिंह कोठारी, नगरीय विकास विभागीय प्रमुख शासन सचिव डॉ. मंजीतसिंह, जिला कलक्टर रोहित गुप्ता, नगर निगम के आयुक्त सिद्धार्थ, पूर्व आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ, विभिन्न कंपनियों के एसोसिएट डायरेक्टर (ट्रांसपोर्टेशन) श्रीनिवास चेकुरी एवं सहायक प्रबन्धक रंजन ज्योति दत्ता, अतिरिक्त कलक्टर (शहर) ओ.पी. बुनकर सहित नगर निगम एवं नगर विकास न्यास तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
दुनिया में खास है उदयपुर : डेनमार्क के एम्बेसेडर पीटर ने उदयपुर को बेहतर स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि इस शहर में वे सारी संभावनाएं मौजूद हैं जिनसे यह आदर्श स्मार्ट सिटी के रूप में पूरी दुनिया में अपनी खास पहचान बना सकता है।
स्मार्ट सिटी लायक सब कुछ है यहाँ : उन्होंने बताया कि उदयपुर और डेनमार्क में कई मामलों में समानताएं हैं और इस दृष्टि से उदयपुर को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में बेहतर से बेहतर प्रयासों में आशातीत सफलता पायी जा सकती है। उन्हाेंने उदयपुर की भौगोलिक स्थिति, सुन्दरता, हरीतिमा, प्रचुर जल राशि भरी झीलों, अनुकूल आबोहवा, विकास तथा अन्य सभी पहलुओं की तारीफ की ओर कहा कि डेनमार्क उदयपुर को बेहतर स्मार्ट सिटी बनाने में हरसंभव सहयोग करेगा।
तकनीकी सहयोग का भरोसा : उन्होंने उदयपुर स्मार्टसिटी के रूप में विकसित करने के लिए जरूरी बुनियादी सेवाओं और सुविधाओं के बारे में महत्वपूर्ण सुझाव दिए और कहा कि उदयपुर को अग्रणी स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए स्मार्ट सिटी के स्थानीय प्रस्तावों और भावी योजनाओं पर तकनीकि दक्षता के साथ व्यापक विचार-विमर्श कर डेनमार्क सभी पहलुओं पर तकनीकि सहयोग मुहैया कराएगा। यह भी सोचा जा रहा है कि डेनमार्क की किसी स्मार्ट सिटी को उदयपुर से जोड़कर तकनीक एवं दक्षता का लाभ दिया जाए।
निजी क्षेत्रों की सहभागिता पर जोर : कांउसलर निस गेलर्ट ने स्मार्ट सिटी को लेकर आर्थिक आत्मनिर्भरता और व्यवसायिक वर्ग की आत्मीय सहभागिता को जरूरी बताया और कहा कि इससे स्मार्ट सिटी के सभी प्रबन्धों को बेहतर स्वरूप प्राप्त होने के साथ ही जन भागीदारी से ऎतिहासिक आयाम स्थापित हो सकेंगे।
सभी कार्य हों चुस्ती से : प्रमुख शासन सचिव डॉ. मंजीतसिंह ने स्मार्ट सिटी से संबंधित राजकीय गतिविधियों और योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए जिला प्रशासन एवं नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि इस संबंध में सभी प्रकार की गतिविधियों में त्वरितता लाकर समयबद्ध कार्यवाही की जाए।
मुस्तैद है जिला प्रशासन : जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने उदयपुर को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में जिला प्रशासन के प्रयासों, दस्तावेजीकरण और अब तक हुई प्रगति पर प्रकाश डाला तथा विभिन्न बिन्दुओं पर डेनमार्क के दल से चर्चा कर उदयपुर के बारे में वांछित जानकारी दी।
रेम्बोल कंपनी के एसोसिएट डायरेक्टर (ट्रांसपोर्टेशन) श्रीनिवास चेकुरी ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से दुनिया के विभिन्न देशों में स्मार्ट सिटीज और ग्रीन-ब्ल्यू एरिया आदि के बारे में चित्रात्मक जानकारी दी और इनकी अलग-अलग खासियतों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इन विषयों पर हुई चर्चा : बैठक में स्मार्ट सिटी के लिए जरूरी गतिविधियों, मानदण्डों, गुणवत्तायुक्त पेयजल प्रबन्धन, स्वच्छता, बिजनैस, सुगम यातायात, सोलर, रिसाईक्लिंग, सीवरेज एवं अपशिष्ट निस्तारण, क्षमता संवद्र्धन, हेरिटेज, जनजागरण एवं व्यापक लोक भागीदारी, प्रदूषण निवारण, साईकिलों के प्रयोग को बढ़ावा देने, व्यावसायिक संवर्ग और निजी क्षेत्रों और निवेशकों की सहभागिता बढ़ाने, ट्राफिक सिस्टम, रचनात्मक बदलाव लाने के प्रयासों, स्मार्ट ट्रॉफिक सिस्टम, स्मार्ट पार्किंग स्थल चिह्निीकरण आदि बिन्दुओं पर विचार-विमर्श किया गया। कंसल्टेंट, नगर निगम एवं नगर विकास प्रन्यास के अधिकारियों आदि ने भी विचार रखे।