वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति उमंग ने मनाया सातवां स्थापना दिवस
उदयपुर। पूर्व न्यायाधीश बसन्तीलाल बाबेल ने कहा कि वृद्धजनों को धन की नहीं वरन् मीठे बोल,सम्मान, आदर की जरूरत होती है। मधुर वाणी से वृद्धजनों का दिल जीता जा सकता है।
वे वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति उमंग के संातवें स्थापना दिवस पर योग सवा समिति परिसर में आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वृद्धजनों से अच्छे वाणी बोल कर उनका दिल जीत सकते है। माता-पिता के कदमों में जन्नत होती है। इस अवसर पर उद्योगपति जे.के.तायलिया ने कहा कि जीवन में धन अर्जित करना महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन भविष्य में जीवन में क्या करना है यह महत्वपूर्ण है। इस पर गहन अध्ययन करना चाहिये। समारोह को वैद्य बी.आर.तनेजा ने सभी संबोधित किया।
75 वर्ष पार वृद्धजनों का हुआ सम्मान- समिति के संस्थापक डॉ. सुन्दरलाल दक ने बताया कि स्थापना दिवस के अवसर पर सोहनलाल कोठरी, सोहनलाल तम्बोली,फतहलाल नागौरी, रोशनलाल कोठारी,विजय कुलश्रेष्ठ,सी.एस.कावडिय़ा,एस.एल.खमेसरा,सत्यनारायण जोशी,एस.सी.अग्रवाल,बी.एस.बक्षी,शिवदानसिंह तलेसरा, ओकारसिंह, एस.एल.जोशी का अतिथियों ने उपरना ओढ़ाकार एवं पगड़ी पहनाकर सम्मान किया। समारोह में सभी वरिष्ठ जनों ने केक काटकर इस दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाया।
विशेष सम्मान- कार्यक्रम में रक्तदान कर दूसरों को पेे्ररित करने वाले दिनेश चोरडिय़ा, रेडक्रास सोसायटी के माध्यम से रक्तदान के लिए प्रेरित करने वाले राजसमन्द के राजकुमार दक, मुस्कान क्लब की केयरटेकर श्रद्धा गट्टानी, भंवर सेठ व आलोक पगारिया को समाज में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
हुआ रंगारंग कार्यक्रम- समारोह में सुश्री युक्ति खमेसरा ने माधुरी दीक्षित पर फ्यूजन,सुश्री अरूणिमा सुराणा ने प्रेम रतन धन पायो पर तथा ज्योति चावत ने फिल्मी गीत पर नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी। चन्द्रशेखर सनाढय़ ने गीत की प्रस्तुति दी। इसे पूर्व प्रारम्भ में डॉ. सुन्दरलाल दक ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि विश्व में चारों ओर भौतिकवाद की छाया फैल रही है। चारों ओर प्रतिस्पर्धा,भागमभाग का माहौल चल रहा है। शान्ति, रिश्तों,नातों,सम्मान, आदर, प्रेम व प्रीत के रिश्तें निभानें की बातें अब धीमें होने लगी है। कार्यक्रम का संचालन आलोक पगारिया ने किया। अंत में धन्यवाद सचिव वद्र्धमान मेहता ने ज्ञापित किया।